उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण 241 सड़के बंद हो गई हैं। नदियों का बढ़ता जलस्तर सरकार और लोगों की चिंता बढ़ा रहा है। उत्तरकाशी में देर रात हुई मूसलाधार बारिश के कारण हर्षिल और क्यारकुली गांव के बीच में बहने वाली जालंधरी नदी उफान पर आ गई है। नदी का रौद्र बहाव हर्षिल-क्यारकुली ट्रैक को जोड़ने वाले पुल को भी बहा ले गया। उत्तरकाशी में बीते रोज यात्रा ड्यूटी चौकी या न चट्टी पर तैनात कांस्टेबल चमन तोमर डाबकोट की पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से मौत हो गई।उधर यमुना नदी का रुख यमुनोत्री मंदिर परिसर की ओर बढ़ने से पुरोहित समाज भी चिंतित हो रखा है। सेब के बाग वालों का कहना है कि यदि नदियों का जलस्तर इसी तरह से बढ़ता रहा तो सेब के बगीचों और पर्यटन विभाग के हट्स को भी नुकसान पहुंच सकता है। वहीं मसूरी में भूस्खलन होने के कारण मार्ग बंद हो गया, इसे तत्काल जेसीबी लगाकर खोल दिया गया। पर्वतीय जिलों में इन दिनों यात्रा करना खतरे से खाली नहीं है। पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण होने वाले भूस्खलन से मार्ग बार-बार बंद हो जाते हैं। बारिश में सक्रिय होने वाले स्लिप जोन भी लोगों के लिए खतरनाक साबित होते हैं।देहरादून के डाकपत्थर में यमुना नदी में बने टापू पर कुछ लोग फंस गए थे। नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण यह लोग टापू से बाहर नहीं निकल पाए। लोगों के टापू पर फंसे होने की सूचना मिलने पर एसडीआरएफ ने टापू में फंसे सभी 12 लोगों को सकुशल रेस्क्यू किया इनमें छोटे बच्चे भी थे। यह लोग दैनिक श्रमिक का काम करने के लिए टापू पर गए थे, लेकिन नदी का जलस्तर बढ़ने से वहां फंस गए।