राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड को अभी तक राजपथ के नाम से जाना जाता था. लेकिन, इस साल केंद्र की मोदी सरकार ने उसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ रखा है. दरअसल, नाम बदलने के बाद से कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की यह पहली परेड थी, जिसमें उत्तराखंड की झांकी ‘मानसखंड’ को देश मे प्रथम स्थान मिलने से इतिहास में उत्तराखंड प्रदेश का नाम दर्ज हो गया है. सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह उपलब्धि हम सबके लिए गौरवशाली पल है.दरअसल, इस मौके पर सीएम धामी ने कहा कि पुराणों में गढ़वाल का केदारखंड और कुमाऊं का मानसखंड के रूप में जानकारी दी गई है. वहीं,स्कंदपुराण में मानसखंड के बारे में बताया गया है. इसी कड़ी में सीएम ने आगे कहा कि जागेश्वर मंदिर की बहुत धार्मिक मान्यता है. उन्होंने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने हमेशा अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने की बात कही है.इस दौरान सीएम ने बताया कि पीएम मोदी के नेतृत्व में सांस्कृतिक नवजागरण में उत्तराखंड सरकार भी काम कर रही है. ऐसे में मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना भी इसी दिशा में महत्वपूर्ण पहल है. मानसखण्डकॉरिडोर के जरिए प्रदेश की चार धाम यात्रा की तर्ज पर कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक मंदिरों को विकसित किया जा रहा है. हालांकि, इस बार गणतंत्र दिवस परेड में 23 झांकियां शामिल हुई हैं.इस बार उत्तराखंड सरकार की ओर से भारत सरकार को भेजे गए झांकी का विषय/टाइटिल “मानसखंड”मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुझाया था. उन्होंने मंदिर माला मिशन के तहत मानसखंड के रूप में इस विषय का सुझाव दिया था, जिसके लिए सीएम धामी से गणतंत्र दिवस से पहले दिल्ली जाकर खुद झांकी का निरीक्षण किया था.बता दें कि, झांकी निर्माण की गंभीरता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जब दिल्ली कैंट में झांकी का निर्माण किया जा रहा था तो सीएम धामी ने झांकी का निरीक्षण करते हुए झांकी को बेहतर और प्रदेश की संस्कृति के अनुरुप निर्माण के लिये सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक के एस चौहान को निर्देश दिए थे. इसके साथ ही झांकी के कलाकारों से मिलकर उनका मनोबल बढ़ाते हुए उनको बधाई भी दी थी.जानकारी के अनुसार, झांकी के निर्माण और झांकी में शामिल कलाकार गणतंत्र दिवस की परेड़ से पहले दिन रात मेहनत करते है. बता दें कि, झांकी निर्माण का काम 31 दिसंबर को शुरु किया गया था, जिसको सुबह 4 बजे से रात 12 बजे तक किया जाता है. इसके साथ ही झांकी में शामिल कलाकारों को टीम लीडर के साथ कड़ाके की सर्दी में कर्तव्य पथ रिहर्सल के लिए 4 बजे जाना पड़ता है.दरअसल, सितंबर महीने में भारत सरकार द्वारा सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों एवं मंत्रालयों से प्रस्ताव मांगे जाते हैं, जिसमें अक्टूबर के महीने तक प्रदेश सरकारें विषय का चयन कर भारत सरकार को भेजती है. उसके बाद भारत सरकार उन प्रदेशों के प्रतिनिधिमंडल को प्रजेंटेशन के लिए बुलाती है. जहां पहली बार की मीटिंग में विषय के आधार चार्ट पेपर में डिजाइन तैयार कर प्रेजेंट करना होता है.