उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर जोशीमठ पहुंच गए हैं। आज रात में सीएम धामी जोशीमठ में रुके हैं। इस बीच सीएम धामी ने जोशीमठ के भू धंसाव से प्रभावितों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुना और वर्तमान हालात की समीक्षा की है। सीएम ने जोशीमठ पहुंचकर किसी भी तरह की पैनिक सिचुएशन न फैलाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह की बीते दो-तीन दिनों में परिस्थितियों में बदलाव हुआ है, वह अच्छे संकेत है। उन्होंने इस बात की उम्मीद जताई कि जल्द ही जोशीमठ की समस्या का समाधान निकल जाएगा। जिस पर राज्य ही नहीं केन्द्र सरकार भी पूरी तरह से जोशीमठ के प्रभावितों के साथ खड़ी है।जोशीमठ में भू धंसाव की समस्या के विकराल होने और जनाक्रोश को देखते हुए सीएम धामी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बुधवार को खुद ही जोशीमठ जाने का फैसला लिया। इस बीच खतरनाक हो चुके भवनों को ध्वस्तीकरण के काम पर फिलहाल ब्रेक लग गया है। मंगलवार से ही स्थानीय लोग ध्वस्त किए जा रहे होटल के आगे धरने पर बैठ कर एनटीपीसी और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। आंदोलन कर रहे लोगों की मांग थी कि पहले मुआवजा तय हो। उसके बाद ही कार्रवाई करने दी जाएगी। बुधवार सुबह तक मामला शांत नहीं हुआ तो सरकार ने फौरी राहत देने की घोषणा की। सरकार की तरफ से जोशीमठ आपदा को लेकर सचिव मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुंदरम ने प्रेस वार्ता कर बताया कि प्रभावित परिवारों को तात्कालिक तौर पर 1.50 लाख रु. की धनराशि अंतरिम सहायता के रूप में दी जा रही है। जिसमें से 50 हजार रु. घर शिफ्ट करने तथा 1 लाख रु. आपदा राहत मद से एडवांस दिया गया है।उन्होंने बताया कि जोशीमठ में अभी तक भू-धंसाव के कारण दो होटल जिनसे आस-पास के भवनों के लिए भी खतरा उत्पन्न हुआ है, उनको डिस्मेंटल करने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा अभी किसी का भी भवन नहीं तोड़ा जा रहा है। भू-धंसाव से प्रभावित भवनों का सर्वे किया जा रहा है। सचिव ने यह भी बताया कि जो लोग किराए के घर पर जाना चाहते हैं, उनको सरकार द्वारा 6 माह तक 4000 हजार रुपए प्रति माह किराया दिया जा रहा है। भू-धंसाव के कारण 723 भवनों को चिन्हित किया गया है और सुरक्षा के दृष्टिगत आज तक 131 परिवारों के 462 लोगों को अस्थाई राहत शिविरों में विस्थापित किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्थानीय लोगों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। भू-धंसाव से जो भी प्रभावित हुए हैं, उन्हें बाज़ार दर पर मुआवजा दिया जाएगा। सचिव की इस घोषणा से भी जब प्रभावितों का गुस्सा शांत नहीं हुआ तो सीएम धामी खुद जोशीमठ पहुंच गए। उन्होंने प्रभावितों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनी। सीएम ने भरोसा दिलाया कि जो समिति सरकार की और से बनाई गई है, उसमें स्थानीय लोगों को भी शामिल किया जाएगा। सरकार प्रभावितों के साथ खड़ी है।