उत्तराखण्ड एसटीएफ ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपना निजी क्लीनिक चला रहे दो बीएएमएस चिकित्सकों को देहरादून से पकड़ा है। एसटीएफ ने इस मामले में फर्जी डिग्री तैयार करने वाले बाबा ग्रुप ऑफ काॅलेज के चेयरमेन को भी गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने उत्तराखण्ड में अब तक 6 फर्जी चिकित्सक चिन्हित किये है।फर्जी डिग्री तैयार करने वाला मुजफ्फरनगर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर बताया जा रहा है। एसटीएफ अब भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखण्ड के कर्मचारियों के इस गिरोह में मिलीभगत होने की भी जांच कर रही है। पूछताछ में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है कि फर्जी डिग्री देने वाले बाबा ग्रुप ऑफ काॅलेज के दोनो चेयरमैन इमरान और इमलाख दसवीं पास है।एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि बीते एक माह से एसटीएफ द्वारा उत्तराखण्ड में प्रैक्टिस कर रहे बीएएमएस की फर्जी डिग्री वाले आयुर्वेदिक चिकित्सकों के सम्बन्ध में जांच की जा रही थी, जिसकी प्रारम्भिक जांच में पाया कि उत्तराखण्ड राज्य में कई आयुर्वेदिक चिकित्सक जो कि बीएएमएस की फर्जी डिग्री धारण किये हुये है एवं फर्जी दस्तावेज तैयार कर भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखण्ड में चिकित्सा अभ्यास का पंजीकरण करा लिया गया है। उसी फर्जी पंजीकरण के आधार पर उत्तराखण्ड के अलग-अलग स्थानो पर बीएएमएस डाक्टर के रूप में अपने निजी अस्पताल/क्लीनिक चला रहे हैं। एसएसपी द्वारा यह भी बताया गया कि प्रारम्भिक जांच में कई आर्युवेदिक डॉक्टरों का फर्जीवाड़ा पाया गया और ऐसे करीब 36 डॉक्टरों को चिन्हित कर उनके संबंध में संबंधित चिकित्सा बोर्ड से सूचना मांगी गई तो ज्यादातर फर्जी आयुर्वेदिक चिकित्सकों की डिग्री राजीव गांधी हेल्थ एण्ड साईंस यूर्निवसिटी कर्नाटका की पायी गयी जो कि पूर्णतया फर्जी बनी हुयी है, जिन्हें बाबा ग्रुप ऑफ काॅलेज मुजफ्फरनगर के मालिक इमरान और इमलाख द्वारा तैयार करायी गयी है। एसटीएफ देहरादून की पहली टीम द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सक प्रीतम सिंह एवं मनीष अली को गिरफ्तार किया गया है, इनकी बीएएमएस की मूल डिग्री फर्जी पाई गई, दोनों की मूल डिग्री को बरामद कर लिया गया है,जांच में दोनों चिकित्सकों के द्वारा फर्जी डिग्री के आधार पर भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड में रजिस्ट्रेशन करके क्रमशः प्रेमनगर और रायपुर में अपने अपने क्लीनिक खोल कर चिकित्सा अभ्यास कर रहे हैं।
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October 4, 2024
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