मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोर्ड-यूसीसी हर हाल में लागू किया जाएगा। कहा कि समान नागरिक संहिता की घोषणा चुनाव से पहले ही कर दी थी, और भाजपा की उत्तराखंड में सरकार बनते ही यूसीसी के लिए समिति भी गठित की जा चुकी है। बताया कि समिति के सदस्यों ने देश के आखिरी, लेकिन अब पहले गांव ‘माणा’ में जाकर ग्रामीणों की सलाह भी जानी। शिखर समागम में बोलते हुए सीएम धामी ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा। कहा कि यूसीसी से कानून व्यवस्था बेहतर होगी तो दूसरी ओर, सभी नागरिकों को कानून के तहत समान अधिकार मिलेगा। कहा कि गुजरात के बाद हिमाचल प्रदेश में भी लागू होगा और बाद में देशभर में भी लागू होगा।सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गत 27 मई को जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी। सरकार ने कमेटी को विवाह, तलाक, सम्पत्ति का अधिकार, उत्तराधिकार, विरासत, गोद, रख रखाव और संरक्षता विषयों पर खासकर गौर करने के लिए कहा गया था।समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड-यूसीसी) का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित विशेषज्ञ कमेटी को भेजे गए सुझावों में कई लोगों ने, बालिग बच्चों की प्रॉपर्टी में बुजुर्ग अभिभावकों को हक देने के लिए रिवर्स इनहेरिटेंस कानून बनाने की मांग की है। कुछ क्षेत्रों में हिंदू मैरिज ऐक्ट में भी संशोधन की मांग की गई है।राज्य स्तरीय समान नागरिक संहिता-यूनिफॉर्म सिविल कोड- यूसीसी विशेषज्ञ समिति के सदस्यों ने प्रदेशभर में दौरा कर लोगों के सुझाव एकत्रित किए थे। कमेटी राज्य के समान नागरिक संहिता की जानकारी देकर दूरस्थ व दुर्गम क्षेत्रों के लोगों के सुझाव भी इसमें शामिल कर रहे हैं। खासकर महिलाओं व युवाओं को इसके बारे में बताते हुए विवाह, संरक्षण, तलाक, गोद लेना, सम्पत्ति का अधिकार, आदि पर राय-मशविरा ले रहे हैं।