प्रदेश सरकार ने हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में नई खेल नीति 2021 को मंजूरी दे दी है। नई खेल नीति में विशेष ध्यान आरंभिक उम्र के खिलाड़ियों को बढ़ावा देने पर दिया गया है। इसके अलावा इस नीति में सीनियर खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने पर सरकारी नौकरी का भी प्राविधान किया गया है। इससे प्रदेश से खिलाड़ियों के हो रहे पलायन पर रोक लगेगी।
प्रदेश के युवाओं की खेलों में जन भागीदारी को बढ़ाने के लिए खेल नीति में युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष फोकस किया गया है। आर्थिक रूप से कमजोर उदीयमान खिलाडिय़ों के लिए मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना और मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना संजीवनी साबित होगी। इससे ना सिर्फ खेल प्रतिभाओं को आरंभिक आयु में खेलों के प्रति रूचि बढ़ेगी। बल्कि छात्रवृति के माध्यम से खिलाड़ी अपनी जरूरतों को भी पूरा कर सकेंगे। नई खेल नीति से खेल प्रेमी खुश नजर आ रहें हैं। खेल प्रेमियों, खिलाड़ी व प्रशिक्षकों का कहना है कि प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री से कुछ इसी तरह की खेल नीति की उम्मीद की जा रही थी। खेल नीति में युवा खिलाड़ियों पर फोकस प्रदेश में खेल गतिविधियों को पंख लगाने का काम करेगी।
पुरानी खेल नीति, नई खेल नीति
- ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ी को डेढ़ करोड़ रुपये इनाम राशि, ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ी को दो करोड़ रुपये इनाम राशि
- पदक विजेता खिलाड़ी के लिए नौकरी का प्राविधान नहीं, पदक विजेताओं को समूह ख व समूह ग में नौकरी दी जाएगी
- युवा खिलाडिय़ों के लिए छात्रवृति जैसी सुविधाएं नहीं, आठ से 23 वर्ष तक के चयनित उदीयमान खिलाडिय़ों को प्रतिमाह छात्रवृति मिलेगी
उत्तराखंड एथलेटिक्स संघ के सचिव केजेएस कलसी का कहना है कि प्रदेश सरकार ने नई खेल नीति में युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित किया है। छात्रवृति योजना खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने का काम करेगी। इससे प्रदेश के खिलाडिय़ों को निश्चित रूप से फायदा होगा।