
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि उत्तराखंड का प्रत्येक नागरिक आयुर्वेद का ब्रांड एंबेसडर है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम योग व आयुर्वेद को हरेक व्यक्ति तक पहुंचाएं और उन्हें इससे होने वाले लाभ के बारे में बताएं।राज्यपाल ने बीते गुरुवार को राजभवन में आयुष विभाग की ओर से आयोजित आयुर्ज्ञान सम्मेलनका शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद सुखी और निरोगी जीवन का आधार है। यह हमारे प्राचीन ऋषि मुनियों की दी हुई एक अनमोल धरोहर है। राज्यपाल ने कहा कि योग और आयुर्वेद हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखता है। उत्तराखंड राज्य अपनी विशिष्ट वन औषधियों, आयुर्वेदिक ज्ञान के लिए प्रसिद्व है।प्राचीन काल से ही इस धरती में ज्ञान, विज्ञान और आध्यात्मिक चेतना का विस्तार हो रहा है। आयुष सचिव डा. पंकज पांडेय ने कहा कि इस सम्मेलन के आयोजन का मुख्य मकसद आयुर्वेद और ऐलोपैथी के बीच समन्वय बनाने का प्रयास है। उन्होंने इस आयोजन में आए सभी विशेषज्ञों का आभार भी जताया।पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि मरीजों के बेहतर इलाज के लिए आयुर्वेद और मार्डन मेडिसिन में समन्वय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा की सभी पद्धतियों का मकसद रोगी को ठीक करना है। ऐसे में आपसी दूरियों का विश्लेषण कर सभी पैथियों को इलाज में समेकित रूप से प्रयोग में लाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद दुनिया की सबसे प्राचीन चिकित्सा परंपरा है। विश्व स्तर पर इसकी स्वीकार्यता बढ़ी है।इस दौरान मुख्य अतिथि राज्यपाल गुरमीत सिंह और विशिष्ट अतिथि पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने आयुर्ज्ञान सम्मेलन की स्मारिका का विमोचन किया। साथ ही उन्होंने आयुष दवाओं के निर्माण क्षेत्र में कार्य करने वाली कंपनियों के स्टाल का भी निरीक्षण किया। राज्यपाल ने इन उत्पादों की सराहना भी की।