
चीन सीमा से सटे चमोली जिले में भूधंसाव का दंश झेल रहा जोशीमठ शहर अब 1800 करोड़ रुपये की लागत से संवरेगा।जोशीमठ को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय की दिल्ली में हुई बैठक में राज्य की ओर से सचिव आपदा प्रबंधन डा रंजीत कुमार सिन्हा ने 1800 करोड़ रुपये की लागत के प्रोजेक्ट के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया। जोशीमठ की स्थिति और उसके महत्व को देखते हुए गृह मंत्रालय ने इसे सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी। अब जल्द ही इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार 1464 करोड़ रुपये की धनराशि जारी करेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय की हालिया बैठक में राज्य की ओर से जोशीमठ के उपचार के दृष्टिगत रखे गए प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी गई।बैठक में शामिल हुए आपदा प्रबंधन सचिव डा रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रोजेक्ट के तहत 1464 करोड़ रुपये केंद्र देगा, जबकि 336 करोड़ रुपये की राशि प्रदेश सरकार वहन करेगी। जोशीमठ के स्थिरीकरण, आपदा प्रभावितों के पुनर्वास समेत अन्य कार्यों पर यह धनराशि खर्च होगी।बदरीनाथ धाम की यात्रा के मुख्य पड़ाव जोशीमठ शहर का धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामरिक महत्व भी है। इस वर्ष की शुरुआत में जोशीमठ के एक बड़े हिस्से में भूमि व घरों में दरारें पड़ने का क्रम अचानक तेज होने से शहर के अस्तित्व के लिए खतरा पैदा हो गया था। इसके बाद सरकार की ओर से राहत एवं बचाव को तत्काल कदम उठाए गए। साथ ही जोशीमठ में भूधंसाव के कारणों की जांच को तमाम केंद्रीय एजेंसियां जुटीं रहीं।