कैंट एरिया में सेना के जवान मौजूद रहते हैं। वहां पर लड़की के साथ दुर्व्यवहार संभव नहीं है। देहरादून की कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए पॉक्सो एक्ट के आरोपी को बरी कर दिया। 21 वर्षीय महफूज उर्फ टीपू पर 17 वर्षीय लड़की के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा था। 2019 में टीपू पर छेड़खानी का मामला दर्ज किया गया। उस समय लड़की दसवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही थी। लड़की के पिता ने टीपू पर बेटी के साथ छेड़खानी का मामला दर्ज कराया। आरोप में कहा गया कि जब वह स्कूल जा रही थी तो टीपू ने उसके साथ छेड़खानी की। बेटी का उत्पीड़न किया। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद यह कहते हुए कि सैन्यकर्मियों की उपस्थिति वाले छावनी क्षेत्र में उसके साथ दुर्व्यवहार करना संभव नहीं था, आरोपी को बरी कर दिया।बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि स्कूल कैंट एरिया में स्थित है। रास्ते में सीसीटीवी कैमरे हैं। वहां सेना के जवान चौबीसों घंटे तैनात रहते हैं। अभियोजन पक्ष जब कोई निष्पक्ष गवाह पेश करने में विफल रहा, तो अदालत ने कहा कि व्यस्त कैंट एरिया में सेना के जवानों की उपस्थिति में किसी लड़की को परेशान करना या छेड़छाड़ करना संभव नहीं है।बचाव पक्ष की ओर से दावा किया गया कि लड़की के पिता को व्हाट्सएप चैट के माध्यम से उस व्यक्ति के साथ उसकी दोस्ती के बारे में पता चला। उन्होंने आईपीसी की धारा 354(ए) (यौन उत्पीड़न), 341 (गलत तरीके से रोकना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत झूठी एफआईआर दर्ज कराई। 18 मई 2019 को पटेल नगर पुलिस स्टेशन में पॉक्सो अधिनियम की संबंधित धाराओं के साथ केस दर्ज हुआ। शिकायत में लड़की के पिता ने कहा कि 27 मार्च, 2019 को जब मेरी बेटी परीक्षा देने जा रही थी। टीपू ने उसे स्कूल के पास रोका और उसके साथ छेड़छाड़ की।
लड़की के पिता ने अपनी शिकायत में कहा कि बेटी ने कुछ समय बाद मुझे और मेरी पत्नी को इसके बारे में बताया, क्योंकि वह उससे डरती थी। कुछ दिनों बाद, 15 मई को टीपू ने हमारे घर के सामने हमारी बेटी का नाम लेकर चिल्लाना शुरू कर दिया और जान से मारने की धमकी दी। हम तब आए वह भाग गया था।कोर्ट में जिरह के दौरान लड़की ने स्वीकार किया कि वह टीपू को जानती है। अदालत में फोन कॉल की एक सीडीआर पेश की गई, जिसमें पता चला कि लड़की ने 15 मई तक टीपू के साथ लंबी बातचीत की थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने गुरुवार को अभियोजन को उचित संदेह से परे नहीं पाया। कोर्ट ने अपने आदेश में सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
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September 8, 2024