सूडान में बिगड़े हालातों के बीच वहां फंसे भारतीयों को वापस लाने का काम किया जा रहा है. भारत ने अपने नागरिकों को वहां से निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी शुरू किया है. बुधवार यानी 26 अप्रैल को 360 भारतीयों का पहला बैच दिल्ली पहुंचा. इसके बाद आज यानी 27 अप्रैल को 246 लोगों का दूसरा बैच मुंबई पहुंचा.
इन लोगों के भारत आने के बाद साथ ही इनकी कहानियां भी सामने आ रही हैं. ये कहानियां सूडान की ताजा हालात, वहां की बदतर स्थिति और वहां रहे लोगों का दर्द बयां करती हैं. ये कहानियां बताती हैं कि इन लोगों ने कैसे वहां अपना समय काटा, कैसे मौत के मुंह से ये लोग अपने देश वापस आए हैं.
हरियाणा के सुखविंदर सिंह बताते हैं कि मैं अभी भी बहुत डरा हुआ हूं. हम जहां रह रहे थे, वहां एक कमरे तक ही सीमित हो गए थे. ये बिल्कुल ऐसा था जैसे हम मृत्युशय्या पर हों. सूडान पोर्ट तक पहुंचने के लिए हम जिस बस में थे, वो 200 लोगों से भरी हुई थी और ये काफी रिस्की था. सिर्फ भगवान जानता है कि हम कैसे पोर्ट सूडान तक पहुंचे हैं. वहां लड़ाई में शामिल लोग किसी को भी मार सकते थे. ये उनके मूड पर था. जब हम कहते कि हम इंडियन हैं तो वो हमें जाने देते थे.