
BANDIKAO, CHAD - NOVEMBER 13: Chadian Army soldiers drive to Bandikao as they conduct a rescue mission on November 13, 2006 in Bandikao Village, 90 Km south of Goz Beida, Chad. According to Human Rights Watch, in 2003 fighting broke out between ethnic Muro Africans and Arab nomads using primitive weapons such as bow and arrows; three years later the Arabs are wearing khaki uniforms and using assault rifles, though it is unclear by whom they have been armed. Five men were killed by arabs on November 4 outside Bandikao village, which is part of a confederation of eight villages that has a self defense force. The people from the village pursued the attackers and were ambushed and massacred. As a result of the battle forty five people were killed and forty-one were wounded leaving the dead and injured behind due to lack of transport and due to the security situation. On November 13 the Chadian army decided to send a rescue team to evacuate the injured. (Photo by Marco Di Lauro/Getty Images)
पूरे अफ्रीकी महाद्वीप में सबसे बड़ा सोने का भंडार सूडान में है। साल 2022 में ही सूडान ने 41.8 टन सोने के निर्यात से 2.5 अरब डॉलर कमाए थे। देश के सबसे मुनाफे वाली सोने की खदानों पर पैरामिलिट्री RSF का कब्जा है, जो अपनी गतिविधियों के लिए सोने को खार्तूम सरकार के साथ पड़ोसी मुल्कों को भी बेचते हैं। सेना की आंखों में यह खटक रहा है।सूडान में सेना और पैरामिलिट्री RSF ने मिलकर काउंसिल गवर्नमेंट बनाई है। सेना की अगुआई जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान के हाथ है। वह ही काउंसिल गवर्नमेंट की अगुआई भी कर रहे हैं। वहीं, पैरामिलिट्री की अगुआई जनरल मोहम्मद हमदान डगलो के हाथ है। जनरल डगलो सरकार में डिप्टी हैं। वहां RSF के 10 हजार सैनिकों का सेना में विलय होना है, जिसके बाद देश में सिविलियन रूल लागू होगा। विवाद यह है कि विलय के बाद अगुआई कौन करेगा। सेना या पैरामिलिट्री? कारण से 15 अप्रैल को फिर से जंग शुरू हुई है। इस बीच कई सीजफायर का ऐलान भी हुआ, लेकिन नाकाम रहा। जब तक जनरल बुरहान या जनरल डगलो बातचीत की टेबल पर नहीं आते, तब तक सूडान की जनता को हिंसा का नया दौर देखना होगा।सूडान में 4000 भारतीय या भारतवंशी हैं। हिंसा के बीच उनकी सुरक्षा और वहां से सुरक्षित निकासी सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है। सूडान में विशेष रूप से तेल क्षेत्र में भारत के महत्वपूर्ण आर्थिक हित हैं। सूडान भारत के लिए कच्चे तेल का प्रमुख सप्लायर भी है। इस देश में अस्थिरता संभावित रूप से भारत की ऊर्जा सुरक्षा को बाधित कर सकती है। चूंकि भारत अफ्रीका में शांति स्थापित करने के प्रयासों में सक्रिय रूप से लगा है। ऐसे में सूडान में अस्थिरता भारत के इन प्रयासों में बाधा बन सकती है और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा पैदा कर सकती है।