उत्तराखंड में अवैध धार्मिक स्थलों को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी के सख्त तेवरों के बाद अब वन विभाग भी हरकत में आ गया है। अब तक ‘मजार जेहाद’ और ‘लैंड जेहाद’ के खिलाफ चल रहे अभियान के बाद वन विभाग ने जंगलाें की जमीन पर बने होटलों, धर्मशालाओं और रिजॉर्ट्स को हटाने के लिए कमर कस ली है। वन विभाग के नये मुखिया विनोद सिंघल ने चार्ज संभालते ही विभागीय जमीन पर अतिक्रमण को बर्दाश्त न करने का ऐलान किया है। पीसीसीएफ विनोद सिंघल ने सरकार के निर्देश के बाद यह कदम उठाया है। बता दें पूरे प्रदेश में वन भूमि पर बड़े पैमाने पर धार्मिक स्थलों और अन्य गतिविधियों के नाम पर अतिक्रमण किया गया है। रिजर्व फॉरेस्ट तक में मजार आदि बनाकर जमीनों पर अवैध कब्जा किया गया हैमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसे ‘मजार जेहाद’ कहते हुए पहले ही सख्ती कर चुके हैं। उन्होंने जंगल की जमीन पर बने अवैध धार्मिक स्थलों के खिलाफ अभियान चलाने के सख्त निर्देश दिए हुए हैं। हालांकि सरकार ने यह भी कहा था कि अवैध कब्जे करने वाले लोग स्वयं ही इन स्थलों को हटा लें अन्यथा सख्त कार्यवाही की जाएगी। वहीं प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस, तमाम हिन्दूवादी संगठनों व शिव सेना ने भी अवैध धार्मिक स्थलों के खिलाफ कार्यवाही में सरकार का साथ देने की बात कही है।
शासन के निर्देश पर वन मुख्यालय की ओर से ऐसे अतिक्रमणों को चिह्नित करने के साथ ही कार्रवाई के लिए मुख्य वन संरक्षक, वन पंचायत एवं सामुदायिक वानिकी डॉ.पराग मधुकर धकाते को नोडल अधिकारी बनाया गया है। सीसीएफ धकाते को पीसीसीएफ सिंघल ने वन भूमि पर अतिक्रमणों की रिपोर्ट तैयार कर तत्काल कार्रवाई करने को कहा है। वन विभाग के मुताबिक 10 हजार हेक्टेअर से ज्यादा जंगलात की भूमि पर लोगों ने कब्जे कर धार्मिक स्थल, होटल, धर्मशालाएं आदि बनाए हुए हैं।इस संबंध में प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) विनोद कुमार सिंघल की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। इस आदेश के अनुसार राज्य के शहरी, ग्रामीण आबादी क्षेत्र के आसपास वन भूमि पर धार्मिक स्थलों और अन्य गतिविधियों की आड़ में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण किए गए हैं। वन भूमि पर हुए इन अतिक्रमणों को शासन ने गंभीरता से लिया है। इन अतिक्रमणों को हटाते हुए वन भूमि को खाली कराने के निर्देश दिए गये हैं।
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September 19, 2024
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