केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आपदा की घड़ी में केंद्र सरकार पूरी ताकत के साथ उत्तराखंड के साथ है। देवभूमि की हर संभव सहायता की जाएगी। आपदाग्रस्त व जलभराव वाले क्षेत्रों में मेडिकल टीम भेजी जाएंगी, ताकि बीमारियों को फैलने से रोका जा सके। आपदा से नुकसान का आकलन किया जा रहा है। वास्तविक नुकसान का आकलन पूरे सर्वे के बाद ही हो पाएगा। शाह ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राज्य सरकार के राहत व बचाव कार्यों को सराहा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बीती देर रात देहरादून पहुंचे थे। गुरुवार सुबह उन्होंने उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दो घंटे हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान के उनके साथ राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, आपदा प्रबंधन मंत्री डा धन सिंह रावत और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी मौजूद रहे।
सर्वे के तुरंत बाद अमित शाह ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट स्थित राज्य अतिथि गृह में प्रदेश में आपदा की स्थिति, राहत व बचाव कार्यों की समीक्षा की। एक घंटे चली बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्री ने पत्रकारों से भी बातचीत की। शाह ने कहा कि अब तक 3500 नागरिकों को रेस्क्यू कर लिया गया है। 64 व्यक्तियों की मौत हुई। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आपदा को लेकर केंद्र सरकार ने 24 घंटे पहले चेतावनी जारी कर दी थी, जिसके परिणामस्वरूप इस भीषण आपदा में जान-माल की ज्यादा क्षति होने से बच गई। अधिकांश मोबाइल यूजर को समय पर मैसेज भी भेजे गए थे। राज्य सरकार ने 24 घंटे पहले ही चार धाम यात्रा को रोक दिया था। चार धाम यात्रियों में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। अब यात्रा को पुन: सुचारु कर दिया गया है।
केंद्र व राज्य की एजेंसियों में बेहतर समन्वय
उन्होंने कहा कि मौसम विभाग के अनुसार सामान्य रूप से 1.1 मिमी बारिश होती है, जबकि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में 122.4 मिमी बारिश हुई। बीते दो दिनों में सभी जगह रिकार्ड बारिश हुई। आपदा के तत्काल बाद केंद्र व राज्य सरकार की सभी एजेंसियां राहत और बचाव के काम में जुट गई थीं। एनडीआरएफ की सात, एसडीआरएफ की 60, पीएसी की 15 टीमों के अलावा पांच हजार से अधिक सैन्य व पुलिसकर्मियों ने आपदा प्रबंधन की कमान संभाली। 16 हजार से अधिक नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। नैनीताल, हल्द्वानी तथा अल्मोड़ा की तीन सड़कों को छोड़कर शेष सभी सड़कों पर आवाजाही शुरू कर दी गई है। कुछ स्थानों पर सड़कें 25 मीटर से अधिक क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिन्हें तैयार करने में कुछ वक्त लग सकता है। सभी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पानी व बिजली व्यवस्था को बहाल कर दिया गया है।