उत्तराखंड में रोडवेज की बसों की हड़ताल के चलते शुक्रवार को लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। रोडवेज कर्मचारियों के आंदोलन के कारण रोडवेज की बसों का संचालन पूरी तरह से ठप है। जिससे उत्तराखंड से विभिन्न रूटों पर चलने वाली बसों के पहिए जाम रहे। बसों का संचालन ना होने से यात्रियों, कामकाजी लोगों और कॉलेज के छात्रों को परेशानी उठानी पड़ी। प्रबंधन ने आज दोपहर को एक बार फिर से मोर्चा के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए बुलाया है।विदित हो कि उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की बुधवार को विभिन्न मांगों को लेकर प्रबंधन से वार्ता विफल हो गई थी। प्रबंधन ने मोर्चा के पदाधिकारियों को गुरुवार को दुबारा वार्ता के लिए बुलाया था लेकिन तब भी बात नहीं बनी। जिसके चलते संगठन ने आज एक दिवसीय हड़ताल का निर्णय लिया। संगठन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है।उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनरतले रोडवेड कर्मचारियों ने आईएसबीटी देहरादून परिसर में धरना दिया। मोर्चा के पदाधिकारियों ने मांगों पर कार्यवाही न किए जाने पर चेतावनी दी है कि एक जनवरी की रात से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी जाएगी।उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की हड़ताल के चलते देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, कोटद्वार और श्रीनगर डिपो से किसी भी बस का संचालन नहीं किया गया। पर्वतीय क्षेत्रों में जाने वाले लोगों ने ट्रेकरों, टैक्सी-मैक्सी या निजी बसों का सहारा लिया।
वहीं दिल्ली, जयपुर,लुधियाना, आगरा, लखनऊ, धर्मशाला, पानीपत, चंडीगढ़, फरीदाबाद, गुरुग्राम, सहारनपुर, अंबाला, मुरादाबाद, बरेली आदि के लिए भी बसें नहीं चली जिसकी वजह से लोगों को दिक्कतें उठानी पड़ी।
उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनियन के अशोक चौधरी ने बताया कि 80 प्रतिशत बसें उत्तराखंड रोडवेज की चलती हैं और इन बसों का संचालन शत-प्रतिशत ठप है। अन्य राज्यों से आने वाली बसें आ रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रबंधन द्वारा उन्हें आज दोपहर वार्ता के लिए बुलाया गया है। यदि आज भी वार्ता सफल नहीं होती है तो 31 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए कर्मचारी तैयार हैं।