जोशीमठ भूधंसाव से सैंकड़ों लोगों ने शुक्रवार को जोशीमठ में सरकार और एनटीपीसी के खिलाफ जम कर गुस्सा उतारा। प्रभावितों ने एनटीपीसी गो बैक के नारे लगाए।हजारों की संख्या में लोगों के सड़क पर आने पर भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया था। ये पहला मौका है जब लोग सड़क पर आए हैं।जोशीमठ में बढ़ रहे भूधंसाव से क्षतिग्रस्त हो रहे भवनों के मुआवजे को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोग भवनों का उचित मुआवजा और स्थायी पुनर्वास की मांग कर रहे हैं। भूधंसाव से प्रभावित लोग पिछले 27 दिनों से तहसील परिसर में आंदोलनरत हैं।शुक्रवार को अपनी मांगों को लेकर जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के समर्थन में पैनखंडा क्षेत्र के लोग सड़कों पर उतर आए। भूधंसाव से प्रभावित नौ वार्डों के लोग भी इनके साथ शामिल हुए। लोगों का कहना है कि जोशीमठ में भूधंसाव बढ़ रहा है, लेकिन अभी तक सरकार द्वारा राहत के नाम पर लोगों को सिर्फ राहत शिविरों में धकेला जा रहा है।जोशीमठ में अभी तक भूधंसाव से प्रभावित कुछ लोगों के लिए धनराशि और राहत शिविरों में उनके रहने की और भोजन की व्यवस्था की गई है, जिससे लोग नाराज हैं। उनका कहना है कि समय रहते उनकी स्थाई व्यवस्था कर दी जाए, जिससे कि उन्हें इस कड़ाके की ठंड में इन राहत शिविरों में न रहना पड़े। यदि उनके भवनों का उचित मुआवजा उनको दे दिया जाए तो उनको इससे राहत मिलेगी।सचिव आपदा प्रबन्धन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 3.36 करोड़ रुपये की धनराशि 224 प्रभावित भूस्वामियों को वितरित कर दी गई है। 95 प्रभावित किरायेदारों को 47.50 लाख की धनराशि तत्काल राहत के रूप में वितरित की गई है। जोशीमठ में उद्यान विभाग की भूमि पर मॉडल प्री फैब्रिकेटेड शेल्टर निर्माणाधीन है। शीघ्र निर्माण कार्य पूरा होने की संभावना है। ढाक गांव, चमोली में प्री फैब्रिकेटेड ट्रांजिशन सेंटर हेतु भूमि विकास का कार्य जारी है। सर्वेक्षण में दरारों वाले भवनों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है।