आपदा ग्रस्त जोशीमठ (Joshimath) को लेकर दो बड़े खुलासे हुए हैं. इन दोनों खुलासों में पहली बात यह सामने आई कि जोशीमठ में निकल रहा पानी एनटीपीसी की टनल का नहीं है. लेकिन, दूसरा खुलासा यह बताता है कि प्रोजेक्ट बनाने से पहले एनटीपीसी ने पूरे जोशीमठ का जियोलॉजिकल सर्वे नहीं कराया था, जिसको लेकर एक नया विवाद खड़ा होने की बात भी सामने आ रही है.बता दें, राष्टीय जल विज्ञान संस्थान की जिस रिपोर्ट को मंगलवार तक शासन आधी अधूरी और कन्प्यूज करने वाली रिपोर्ट बता रहा था. वहीं बुधवार को सीएस के साथ हुई मीटिंग के बाद बताया गया कि टनल से निकल रहे पानी और जोशीमठ में निकल रहे पानी के सैंपल आपस में मैच नहीं हुए. हालांकि, प्रेस ब्रीफिंग कर रहे आपदा प्रबंधन सचिव ने स्पष्ट किया कि ये प्राइमरी रिपोर्ट है, इससे किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता.अब ऐसे में इस खुलासे के बाद एनटीपीसी को क्लीन चिट देने की बात सामने आ रही है. न्यूज 18 ने एक दिन पहले ही सूत्रों के हवाले से ये खबर ब्रेक कर दी थी कि एनआईएच की रिपोर्ट में एनटीपीसी को क्लीन चिट दी जा सकती है. हालांकि तब शासन ने इसे आधी अधूरी रिपोर्ट बताते हुए कुछ भी कहने से मना कर दिया था वहीं आपदा प्रबंधन सचिव की जोशीमठ को लेकर की जा रही इसी ब्रीफिंग में एक और बड़ा खुलासा हुआ. आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने खुलासा करते हुये जानकारी दी कि एनटीपीसी ने प्रोजेक्ट बनाने से पहले इस पूरे अतिसंवेदनशील क्षेत्र की कोई भू-गर्भीय जांच नहीं की थी.
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December 22, 2024