जोशीमठ भू धंसाव के कारण खतरा बने दो होटलों मलारी और माउंट व्यू को डिस्मेंटल करने का काम शुरू हो चुका है। प्रशासन, होटल स्वामियों व स्थानीय निवासियों के बीच वार्ता के बाद होटल गिराने पर सहमति बनी जिसके बाद काम शुरू हो गया है। इसके साथ ही एक राहत की खबर भी आई है। सरकार का दावा है कि जोशीमठ में प्रारंभ में जल रिसाव 540 एलपीएम था। यह अब घटकर 240 एलपीएम हो गया है। उधर शुक्रवार को हुई धामी सरकार की कैबिनेट बैठक में जोशीमठ भूधंसाव के संबंध में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक में राहत शिविरों को लेकर मानक तय किए गए हैं। साथ ही किराया राशि को 4 हजार से बढ़ाकर 5 हजार किया गया है। पुनर्वास को लेकर कोटि फार्म, पीपलकोटी, गौचर, ढाक और एक अन्य स्थान चिन्हित किए गए हैं। भारत सरकार से एक सप्ताह के भीतर राहत पैकेज का प्रस्ताव भेजा जाएगा।धामी सरकार ने बिजली पानी के बिल नवंबर माह से अगले 06 माह के लिए माफ करने का ऐलान किया है। साथ ही राष्ट्रीयकृत और निजी बैंक लोन की किस्त को एक साल स्थगित करने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजने, सहकारिता से लिए गए ऋण की किस्त एक साल के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। आपदा प्रबंधन सचिव डा रंजीत सिन्हा ने बताया प्रभावित क्षेत्र का भू-भौतिकीय अध्ययन कर रहा है। इसका हाइड्रोलाजिकल मैप भी उपलब्ध कराया जाएगा। सीबीआरआइ ध्वस्तीकरण से नुकसान का आकलन, ध्वस्त किए जाने वाले आवासों की निगरानी और अस्थायी पुनर्वास को प्री फैब हट की डिजायन तैयार किया जा रहा है। सीबीआरआइ की टीम जोशीमठ पहुंचकर क्षतिग्रस्त भवनों के सर्वेक्षण में जुट गई है। जोशीमठ में प्रारंभ में जल रिसाव 540 एलपीएम था। यह अब घटकर 240 एलपीएम हो गया है।धामी सरकार ने बिजली पानी के बिल नवंबर माह से अगले 06 माह के लिए माफ करने का ऐलान किया है। साथ ही राष्ट्रीयकृत और निजी बैंक लोन की किस्त को एक साल स्थगित करने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजने, सहकारिता से लिए गए ऋण की किस्त एक साल के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। आपदा प्रबंधन सचिव डा रंजीत सिन्हा ने बताया प्रभावित क्षेत्र का भू-भौतिकीय अध्ययन कर रहा है। इसका हाइड्रोलाजिकल मैप भी उपलब्ध कराया जाएगा। सीबीआरआइ ध्वस्तीकरण से नुकसान का आकलन, ध्वस्त किए जाने वाले आवासों की निगरानी और अस्थायी पुनर्वास को प्री फैब हट की डिजायन तैयार किया जा रहा है। सीबीआरआइ की टीम जोशीमठ पहुंचकर क्षतिग्रस्त भवनों के सर्वेक्षण में जुट गई है। जोशीमठ में प्रारंभ में जल रिसाव 540 एलपीएम था। यह अब घटकर 240 एलपीएम हो गया है।इधर देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भेंट की। इस दौरान जोशीमठ के भूधंसाव क्षेत्र में प्रभावित परिवारों की सुरक्षा एवं क्षेत्र में सरकार द्वारा की जा रही व्यवस्था पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जोशीमठ के भू धंसाव क्षेत्र में प्रभावित परिवारों को अंतरिम पैकेज दिया जा रहा है। अंतरिम पैकेज एवं पुनर्वास की दर निर्धारण करने के लिए कमेटी का गठन किया गया है। प्रभावित हितधारकों के हितों का पूरा ध्यान रखते हुए मुआवजा दिया जाएगा।