उत्तराखंड के जोशीमठ आपदा में विस्थापितों को पीपलकोटी और गौचर में पुर्नवासित किया जाएगा. इसके लिए उत्तराखंड सरकार ने जमीन चयन पर काम शुरू कर दिया है. चूंकि यह दीर्घकालिक प्रक्रिया है. ऐसे में सरकार ने अस्थाई तौर पर सरकारी दफ्तरों में लोगों के ठहरने की व्यवस्था की है. वहीं सभी विस्थापित लोगों के लिए हर महीने 4000 रुपये किराए के तौर पर देने का फैसला किया है. यह जानकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी ,शनिवार को सीएम धामी मौका मुआयना करने जोशीमठ पहुंचे थे. उन्होंने हरेक मकान और दरार को करीब से देखा और प्रभावित लोगों से बातचीत की. लोगों को ढांढस बंधाते हुए सीएम धामी ने कहा कि उनके पुर्नवासन के लिए सरकार ने कवायद शुरू कर दी है. सरकार उन्हें पीपलकोटी और गौचर में बसाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए चमोली जिला प्रशासन को जमीन चिन्हित करने और जल्द से जल्द काम शुरू कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने चूंकि इस कार्य में कुछ समय लग सकता है. ऐसे में तब तक अस्थाई तौर पर प्रभावित लोगों के लिए सरकारी दफ्तरों में इंतजाम किए गए हैं. वहीं सभी लोगों को ठहरने के लिए हर महीने चार हजार रुपये किराया देने की व्यवस्था की गई है. इस मद में पहले ही जिलाधिकारी चमोली को एक करोड़ रुपये की राशि भेज दी गई हैं.सीएम धामी ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है. उन्होंने कहा कि किसी हाल में वह इस आपदा की घड़ी में किसी जान नहीं जाने देना चाहते. इसके साथ ही जोशी मठ को भी बचाना है. इसलिए तत्कालिक तौर पर सभी प्रभावित लोगों को यहां से निकालकर अस्थाई तौर पर सरकारी कार्यालयों में ठहरा दिया गया है. वहीं राहत कार्य के साथ पुर्नवासन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. उन्होंने विस्थापित लोगों को भरोसा दिया कि संकट की यह घड़ी ज्यादा दिन नहीं रहने वाली. जल्द ही सरकार इस आपदा से निपट लेगी.