उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में जोशीमठ शहर के भूधंसाव (Joshimath sinking) से प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों के पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था की समीक्षा की। धामी ने भूधंसाव के कारणों के बारे में अधिकारियों के साथ समीक्षा भी की। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोशीमठ के ताजा हालात की सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त गढ़वाल मण्डल और जिलाधिकारी चमोली से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने भूधंसाव से प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों के पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं।उन्होंने कहा कि संकट की इस स्थिति में जानमाल की सुरक्षा एवं बचाव पर ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे समय में लोगों की मदद करना हम सबका दायित्व एवं जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने इस स्थिति में लोगों में भरोसा बनाये रखने की भी बात कही। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों के पुनर्वास और उन्हें अन्यत्र शिफ्ट करने में भी तेजी लाये जाने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रभावितों को बेहतर से बेहतर क्या मदद कर सकते हैं इस पर ध्यान दिया जाए।जोशीमठ में बेघर हुए परिवारों को किराए पर रहने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से छह महीने के लिए 4 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। सचिवालय में जोशीमठ के संदर्भ में चल रही है बैठक। जोशीमठ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े हैं अधिकारी। सीएम ने दिए निर्देश, तत्काल सुरक्षित स्थान पर बड़ा अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाया जाए। डेंजर जोन को खाली करने और अविलंब आपदा कंट्रोल रूम स्थपित करने के निर्देश। कल सीएम सुबह जाएंगे जोशीमठ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में सबसे महत्वपूर्ण होता है लोगों में सरकार और प्रशासन का भरोसा बनाये रखना। इसमें धरातल पर काम करने वाले प्रशासनिक मशीनरी को संवेदनशीलता से काम करना होगा और स्थिति पर निगरानी बनाए रखनी होगी। इसके लिये हमें तात्कालिक और दीर्घकालीक कार्य योजना पर गंभीरता से कार्य करना होगा। तात्कालिक एक्शन प्लान के साथ ही दीर्घकालीन कार्यों में भी लंबी प्रक्रिया को समाप्त करते हुए डेंजर जोन के ट्रीटमेंट, सीवर तथा ड्रेनेज जैसे कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए, इसमें सरलीकरण और तुरंत कार्यवाही ही हमारा सबसे बड़ा मूलमंत्र होना चाहिए। जोशीमठ मामले पर जल्द से जल्द हमारी कार्ययोजना बिल्कुल तय होनी चाहिए। हमारे लिये नागरिकों का जीवन सबसे अमूल्य है।मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त गढ़वाल मण्डल और जिलाधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त करते हुए निर्देश दिये कि चिकित्सा उपचार की सभी सुविधाओं की उपलब्धता रहे। जरूरी होने पर एयर लिफ्ट की सुविधा रहे, इसकी भी तैयारी हो।मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व है। यहां पर किये जाने वाले तात्कालिक महत्व के कार्यों को आपदा प्रबंधन नियमों के तहत सम्पादित करने की व्यवस्था बनायी जाय। ऐसे समय में लोगों की आजीविका भी प्रभावित न हो इसका भी ध्यान रखा जाय। लोगों की आपदा मद से जो भी मदद हो सकती है वह की जाय। उन्होंने प्रभावितों की मदद के लिये एसडीआरएफ तथा एनडीआरएफ की पर्याप्त व्यवस्था करने तथा आवश्यकता पड़ने पर हेली सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मानसून से पहले जोशीमठ में सीवरेज ड्रेनेज आदि के कार्य पूर्ण कर लिये जाय।