उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव के खतरे को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है. जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव के अध्ययन के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन करने का फैसला किया है. जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव के खतरे और वहां उपजे आपदा जैसे हालात को जानने के लिए केंद्र सरकार ने विशेषज्ञ समिति के गठन को शुक्रवार को आदेश जारी किए हैं. सरकार ने तीन दिन में विशेषज्ञ समिति बनाने को कहा है. उधर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ जमीन धंसने के मुद्दे पर शासन के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की और ताजा हालात की जानकारी लीराज्य सरकार के सूत्रों ने बताया कि जोशीमठ में जिन लोगों के घरों में दरार आई है और घर छोड़कर कहीं और रह रहे हैं उनको सरकार की ओर से 4000 अगले छह माह तक किराए के तौर पर कहीं और रहने के लिए दिया जा रहा है. इसके लिए राज्य सरकार ने आदेश जारी किए हैं. वहींमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भू-धंसाव से पैदा हुए हालात का जायजा लेने शनिवार को जोशीमठ का दौरा करेंगे.उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में कई मकानों में दरारें आने के बाद बीते गुरुवार को प्रभावति परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. इस बीच चमोली प्रशासन ने डूबते शहर में और उसके आसपास सभी निर्माण गतिविधियों पर गुरुवार को रोक लगा दी. इसके अलावा करीब 50 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.जिला प्रशासन ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा हेलांग बाईपास के निर्माण, तपोवन-विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना के कार्य और नगर पालिका द्वारा किए जाने वाले अन्य निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक रोक लगा दी है. एनटीपीसी और हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी (एचसीसी) को भी प्रभावित परिवारों के लिए अग्रिम रूप से 2,000 प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाने के लिए कहा गया है.जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन के जोशी ने कहा कि अब तक घरों में दरारें पड़ने के बाद जोखिम में रह रहे 47 परिवारों को अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है.गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा, आपदा प्रबंधन विभाग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीयूष रौतेला, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल(एनडीआरएफ) के डिप्टी कमांडेंट रोहिताश्व मिश्रा और भूकंप न्यूनीकरण केंद्र के शांतनु सरकार और आईआईटी-रुड़की के प्रोफेसर बीके माहेश्वरी सहित वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम ने जोशीमठ का दौरा किया और स्थिति का आकलन करने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की. एन के जोशी ने कहा कि स्थिति का विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है और विशेष रूप से जोखिम वाले घरों की पहचान की जा रही है. जिलाधिकारी हिमांशु खुराना लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस को सतर्क रहने को कहा गया है.