उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने अगले साल अप्रैल से शुरू होने वाले नए शैक्षणिक सत्र से अपने मदरसों में ड्रेस कोड और अंग्रेजी माध्यम से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीइआरटी) पाठयक्रम लागू करने का निर्णय लिया है।
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने बृहस्पतिवार को यहां ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां मदरसों के बच्चों को मुख्य धारा से जोडने के लिए यह नयी पहल की जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘अंग्रेजी माध्यम से एनसीइआरटी पाठयक्रम और ड्रेस कोड के साथ मदरसों में शिक्षा देने वाला उत्तराखंड पहला राज्य होगा।’’
शम्स ने बताया कि वक्फ बोर्ड प्रदेश में 103 मदरसों का संचालन करता है जिनमें से चार जिलों—देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल में स्थित सात मदरसों को ‘मॉडल’ मदरसा बनाने का भी निर्णय लिया गया है और वहां स्मार्ट कक्षाएं चलेंगी ।
उन्होंने बताया कि मदरसों में ड्रेस कोड के बारे में मुस्लिम धर्मगुरूओं से बात की जा रही है और उन्हें विश्वास में लेकर ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। हांलांकि, उन्होंने कहा कि मदरसों में जब अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होगी तो ड्रेस कोड भी उसी तर्ज पर होगा ।
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि मदरसों में प्रतिदिन सुबह साढे छह बजे से साढे सात बजे तक एक घंटा मजहबी तालीम दी जाएगी और उसके बाद अन्य स्कूलों की तरह सभी विषयों की पढ़ाई कराई जाएगी।
उन्होंने बताया कि कायदा पढने के बाद बच्चे को हाफिज-ए-कुरान (कुरान याद करने) पढने में चार से पांच साल लगते हैं लेकिन अब तय किया गया है कि इसके लिए 10—12 साल का वक्त दिया जाएगा । उन्होंने कहा, ‘‘मतलब यह है कि अब मदरसे में बच्चा धीरे-धीरे हाफिज—ए—कुरान के साथ ही 10 वीं और 12 वीं भी करे और स्वयं निर्णय करे कि उसे डाक्टर या इंजीनियर बनना है या फिर मौलवी या मुफ्ती ।’’
शम्स ने कहा, ‘‘ मदरसों में मुसलमानों का बहुत छोटा और गरीब तबका जाता है। हमारा मकसद अंतिम छोर पर खड़े इन बच्चों को सही दिशा देना है जिससे वे भी जिम्मेदारी के साथ खडे हों और ए पी जे अब्दुल कलाम के रास्ते पर आगे बढ़ते हुए देश को मजबूत करें।’’
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अलावा मदरसा बोर्ड भी प्रदेश में 419 मदरसे संचालित करता है जबकि 300—400 मदरसे ऐसे भी हैं जो पंजीकृत नहीं हैं। एक मोटे अनुमान के मुताबिक, प्रदेश में 25000 से ज्यादा बच्चे मदरसों में पढ रहे हैं।
इस बारे में पूछे जाने पर शम्स ने कहा, ‘‘ यह (मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह) धामी मॉडल है जिस दिन हमने मदरसे का यह नया मॉडल दे दिया, उस दिन बाकी सभी मदरसे भी इस मॉडल से जुड जाएंगे ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ हम मदरसों में हिंदु, सिख और इसाई जैसे सभी समुदायों के बच्चों को पढाने की भी पेशकश करेंगे और ऐसा करने वाला भी उत्तराखंड पहला राज्य होगा । ’’