
अफगानिस्तान में दिनोंदिन बिगड़ते हालात का असर पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू) में पढ़ रहे 11 अफगानी स्टूडेंट्स पर भी पड़ रहा है। ये स्टूडेंटस 2 साल पहले पीएचडी और एमएमसी करने आए थे। सभी पीएयू के इंटरनेशनल स्टूडेंट्स सेंटर में रह रहे हैं। वे अफगानिस्तान में ताालिबान के आंतक के बीच अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं। अल्लाह से एक ही दुआ मांग रहे हैं कि उनका परिवार तालिबानियों के कहर से बचा रहे। मौजूदा हालात में ये स्टूडेंट अपने मुल्क भी नहीं लौटना चाहते। वे चाहते हैं कि भारत सरकार उन्हें नागरिकता दें क्योंकि देश लौटे तो जिंदा नहीं बचेंगे।
कालेज आफ एग्रीकल्चर में पीएचडी कर रहे तीस वर्षीय अहमद मुसाबर कहते हैं कि उनका परिवार उत्तरी अफगानिस्तान में हैं। परिवार में माता-पिता, भाई-बहन हैं। जब से तालिबान अफगानिस्तान में हावी हुआ, एक के बाद एक इलाके अपने कब्जे में ले रहा है। तब से उनकी रातों की नींद उड़ गई है। अल्लाह का शुक्र है कि परिवार सलामत है लेकिन वहां हालात बेहद खराब हैं। परिवार से हर घंटे बात हो रही है।
लेकिन जब भी कभी फोन का नेटवर्क नहीं मिलता या परिवार वाले फोन नहीं उठाते तो बेचैनी बढ़ जाती है। वहां कोई भी घर से बाहर नहीं निकल रहा है। तालिबान ने फरमान जारी कर रखा है कि कोई भी घर से बाहर नहीं निकलेगा। वे वहां कुछ लोगों को तालाश रह है। मुल्क लौटने की बात पर अहमद ने कहा कि फिलहाल वह अफगानिस्तान नहीं लौटना चाहते। अब वहां उनका भविष्य सुरक्षित नहीं है।