विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार और खिसकते जनाधार को लेकर चिंतित बसपा सुप्रीमो मायावती नए सिरे से कॉडर तैयार करने में जुट गई हैं। पंजाब राज्य के बाद अब वह उत्तराखंड के पदाधिकारियों के साथ बैठक करने जा रही हैं। यूपी के प्रमुख पदाधिकारियों से फीड बैक लेने के बाद अब वह जल्द इसी माह यूपी संगठन की अहम बैठक करने जा रही हैं। माना जा रहा है कि इस बैठक में कई बड़े ऐलान होंगे, जैसे की प्रदेश के प्रमुख पदों के लिए नए सिरे से जिम्मेदारियां तय की जा सकती हैं।
बसपा कॉडर आधारित पार्टी हमेशा मानी जाती रही है। इसका अपना वोट बैंक रहा है। लोकसभा चुनाव वर्ष 2014 में एक भी सीट न जीतने पर भी बसपा का मत प्रतिशत 20 फीसदी तक रहा। बसपा का अपना कॉडर का वोट बैंक भी करीब 22 फीसदी के आसपास ही बताया जाता है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा मात्र एक सीट जीत पाई। जिनके कंधों पर सारी जिम्मेदारी इस चुनाव में रही वह भी कोई खास करिश्मा नहीं दिखा पाए और बसपा का मत प्रतिशत 12.88 पर पहुंच गया। इस प्रतिशत के आधार पर ही माना जा रहा है बसपा का कॉडर बिखर रहा है। उसका दलित वोट बैंक पर एकाधिकार खत्म होता दिख रहा है, हालांकि मायावती चुनाव बाद कई मौकों पर यह कह चुकी हैं उसका वोट बैंक उसके पास है, लेकिन मत प्रतिशत इसकी चुगली जरूर कर रहे हैं।
बदल गया मायावती का तेवर
पार्टी सूत्रों की मानें तो मायावती यूपी के चुनिंद सेक्टर प्रभारियों से अलग-अलग मुलाकात कर रही हैं। उनसे फीड बैक ले रही हैं क्या वजह रही कि मत प्रतिशत कम हो गया। अपने तेवर से इतर अब वह जोड़ने की बातें कर रही हैं। साथ चलने की बात कर रही हैं। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि मायावती कुछ पुराने नेताओं को साथ ला सकती हैं। बसपा में किसी समय ओबीसी, अनुसूचित जाति, जनजाति के नेता भरे पड़े थे, लेकिन धीरे-धीरे ये सब अलग होते गए। सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले मायावती संगठन को नए सिरे से खड़ा करना चाहती हैं। इसीलिए उन नेताओं को पार्टी में वापस लाया जा सकता है कि जो अन्य पार्टियों में गए लेकिन उन्हें तवज्जो नहीं मिली। संगठन की होने वाली बैठक में इस माह इस पर चर्चा की संभावना जताई जा रही है।