शिक्षा विभाग ने सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी। शिक्षा विभाग के राज्य से ब्लॉक स्तर तक के सभी दफ्तर और स्कूल इसके दायरे में आएंगे। महानिदेशक-शिक्षा ने शनिवार को इसके आदेश किए। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक के बजाय पर्यावरण के अनुकूल पदार्थों से बनी सामग्री का ही उपयोग किया जाएगा।
विभाग में आवश्यकता पड़ने पर प्लास्टिक के बजाय केवल जूट, कपड़े आदि से बने कैरी बैग का प्रयोग होगा। तीनों निदेशकों को कार्यवाही के निर्देश दे दिए गए हैं। विभागीय बैठक, सेमीनार, वर्कशॉप में भी प्लास्टिक निर्मित सामग्री पर रोक रहेगी। पीने के पानी के लिए डिस्पेंपर की व्यवस्था की जाएगी।
साथ ही अधिकारी-कार्मिक पीने के लिए पानी के लिए मेटल की बोतल का प्रयोग करेंगे।महानिदेशक ने बताया कि यदि किसी दफ्तर या स्कूल में प्लास्टिक का उपयोग होता पाया गया तो दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। प्रतिबंध के साथ-साथ स्कूल में छात्रों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील भी बनाया जाएगा। शिक्षक छात्रों को पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली वस्तुओं और गतिविधियों के प्रति भी जागरूक करेंगे।सरकार ने प्लास्टिक पर सख्ती से प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए है। इस क्रम में शिक्षा विभाग ने त्वरित कदम उठाते हुए व्यवस्था लागू कर दी है। अधिकरियों को दफ्तर और स्कूलों को प्लास्टिक मुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं।