
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पौड़ी जिले के कालागढ़ बांध क्षेत्र में अवैध रूप से रह रहे परिवारों को वहां से हटाने को लेकर योजना पेश करने के लिए राज्य सरकार को एक सप्ताह का अतिरिक्त समय देते हुए पांच मई को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सोमवार को राज्य सरकार को पांच मई तक हलफनामा दाखिल कर वन एवं सिंचाई विभाग की भूमि पर अतिक्रमण कर रह रहे लोगों को वहां से हटाने की योजना के बारे में विस्तार से बताने को निर्देश दिया। बांध का ज्यादा हिस्सा हालांकि उत्तर प्रदेश में पड़ता है। क्षेत्र सिंचाई एवं वन विभाग का है।मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएस रावत ने बताया कि पीठ द्वारा पूर्व में जारी एक आदेश के अनुपालन में दोनों राज्यों के अधिकारियों ने उक्त आबादी को वहां से हटाने के लिए योजना पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की थी, जिसमें उत्तर प्रदेश ने अपना रुख साफ करते हुए कहा था कि अवैध अतिक्रमणकारियों के पुनर्वास के लिए उनके प्रदेश में कोई नीति नहीं है। उन्होंने बताया कि चूंकि अतिक्रमण की गई भूमि उत्तराखंड के भूभाग में पड़ती है और बांध क्षेत्र में निवास कर रहे लोगों को नोटिस पौड़ी के जिलाधिकारी द्वारा दिए गए हैं। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को उन्हें वहां से हटाने को लेकर योजना पेश करने के लिए एक और सप्ताह का समय दिया।