विपक्षी गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। गठबंधन के दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत शुरू ही हुई है कि आपसी खटपट सुनाई देने लगी है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 23 सीटों पर दावा ठोंका है।शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 23 पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे की बातचीत शून्य से शुरू करनी होगी क्योंकि इस समय लोकसभा में महाराष्ट्र से कांग्रेस का कोई सांसद नहीं है। राउत के बयान पर कांग्रेस ने भी पलटवार किया है। कांग्रेस नेता संजय निरुपम और मिलिंद देवड़ा ने कहा कि शिवसेना के अधिकांश सांसद अब एकनाथ शिंदे गुट के साथ हैं।कांग्रेस अब महाविकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का शरद पवार गुट और कांग्रेस एमवीए का हिस्सा हैं। राउत ने कहा, हमने कहा है कि हम महाराष्ट्र में 23 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। दादरा नगर हवेली में भी चुनाव लड़ेंगे। राज्य में कांग्रेस के साथ बातचीत शून्य से शुरू करनी होगी। कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने राउत पर पलटवार करते हुए कहा कि शिवसेना (यूबीटी) अपने दम पर कोई सीट नहीं जीत सकती। शिवसेना के 18 सांसदों में से एक दर्जन से अधिक सांसद उद्धव ठाकरे खेमे को छोड़कर शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं।इस बात की भी गारंटी नहीं है कि बाकी सांसद उनके साथ रहेंगे या नहीं।एक अन्य कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने एक्स पर पोस्ट किया, महाराष्ट्र में कोई भी गठबंधन राज्य कांग्रेस नेतृत्व के परामर्श के बिना संभव नहीं है। 2019 के आम चुनावों में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में अविभाजित शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन में 23 सीटों पर चुनाव लड़ा और 18 सीटें जीती थीं। एनसीपी ने महाराष्ट्र में चार सीटें जीतीं और कांग्रेस ने केवल एक सीट जीती। चंद्रपुर से कांग्रेस के एकमात्र सांसद बालू धानोरकर का इस साल की शुरुआत में निधन हो गया।