भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) की पासिंग आउट परेड 11 दिसंबर को आयोजित की जाएगी। जिसमें इस बार 387 जेंटलमैन कैडेट अंतिम पग भरेंगे। इनमें 319 युवा भारतीय सेना का हिस्सा बनेंगे। जबकि दस मित्र देशों के भी 68 कैडेट पास आउट होंगे। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द बतौर रिव्यूइंग अफसर परेड की सलामी लेंगे। वहीं, चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत व कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहेंगे।
साल 1932 में 40 कैडेट के साथ अकादमी का सफर शुरू हुआ था। प्रथम बैच में भारत के पूर्व फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ, म्यांमार के पूर्व सेनाध्यक्ष स्मिथ डन और पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष मोहम्मद मूसा पास आउट हुए थे। तब से यह संस्थान जांबाज युवा अफसरों की फौज तैयार कर रहा है। खास बात यह कि अकादमी में मित्र देशों के भी कैडेट प्रशिक्षण लेते हैं। अब तक 60 हजार 725 कैडेट अकादमी से पास आउट हुए हैं। जिनमें 33 मित्र देशों के 2656 कैडेट भी शामिल हैं।
आइएमए प्रशासन ने पासिंग आउट परेड को लेकर सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली है। ऐतिहासिक चेटवुड बिल्डिंग के समीप फाइनल परेड की रिहर्सल लगातार चल रही है। राष्ट्रपति के आगमन को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख्ता तैयारियां की जा रही हैं। अकादमी की जनसंपर्क अधिकारी ले. कर्नल हिमानी पंत ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए पिछले जून में पासिंग आउट परेड में स्वजन आमंत्रित नहीं किए गए थे, लेकिन इस बार उन्हें पीओपी में शामिल होने की अनुमति दी गई है। पिछले बार स्वजन के शामिल न होने से सैन्य अफसरों और उनके स्वजन ने जेंटलमैन कैडेट के कंधों पर सितारे सजाए थे। इस बार स्वजन अपने लाडलों के कंधों पर सितारे सजाएंगे। हालांकि इस दौरान कोविड गाइड लाइन का पूरा ख्याल रखा जाएगा।