पाकिस्तान की पंजाब को दहलाने की नापाक साजिश है। पंजाब में बड़े आतंकी हमले की साजिश में जुटे आतंकी संगठनों ने अब नए साल के जश्न व पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव में आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। इसके लिए आरडीएक्स के साथ टिफिन बम की इस्तेमाल की तैयारी है। पाकिस्तानी व खालिस्तानी आतंकी संगठनों की बड़ी वारदात की साजिश बीते कई महीनों से लगातार फ्लाप हो रही है, लेकिन सुरक्षा एजेंसीज अगर सतर्क नहीं रहीं तो कभी भी बड़ी वारदात को अंजाम दिया जा सकता है। सुरक्षा एजेंसीज इस बात को लेकर चौकन्नी हो गई हैं कि टिफिन बम के साथ आइईडी का इस्तेमाल आरडीएक्स के विस्फोट के लिए हो सकता है।
बड़े आतंकी हमले की तैयारी के लिए एकत्र की गई है विस्फोटक सामग्री
पंजाब में पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पहले आरडीएक्स की खेप दो साल से भेजी जा रही है। इसे लेकर 2019 में एनआइए (नेशनल सिक्य़ोरिटी एजेंसी) ने तरनतारन में जब पहली बार ड्रोन के लिए पाकिस्तान से विस्फोटक सामग्री की खेप व हथियार भेजे गए थे तो पुलिस को चौकन्ना किया था। उससे पहले काफी मात्रा में आरडीएक्स की खेप पंजाब में सीमा पार से ड्रोन के जरिए पहुचाई जा चुकी है। उसके बाद टिफिम बमों को भेजना का सिलसिला शुरू हुआ है। जिस प्रकार के टिफिन बमों का निर्माण किया गया है वह एक्सपर्ट ही कर सकता है।
पाकिस्तान के एक्सपर्ट आतंकी पंजाब में आकर बनाएंगे बम
पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आइएसआइ इस बार अपना मिशन फेल नहीं होने देना चाहती है। इसीलिए पहले आरडीएक्स की खेप पहुंचाई गई, फिर टिफिन बम बनाकर उसके साथ आइईडी की खेप ड्रोन के जरिए सप्लाई की गई। टिफिन बम का पहला टेस्ट 20 अगस्त को अजनाला में आयल टैंकर पर किया गया था।
बताया जाता है कि देश की सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिला है कि आइएसआइ द्वारा प्रशिक्षित आतंकी आरडीएक्स की ज्यादा मात्रा के साथ एक टिफिन बम और आइईडी का प्रयोग करके बड़े विस्फोट की तैयारी में है। इसकी भनक सुरक्षा एजेंसियों को लग चुकी है। इसकी जानकारी भी एनएसजी व एऩआइए तथा पंजाब पुलिस को नेशनल बम डाटा सेंटर (एनबीडीसी) के एक्सपर्ट बीते दिनों दे चुके हैं। उसके बाद से पंजाब पुलिस और सतर्क है।
पाकिस्तान के एक्सपर्ट आतंकी पंजाब में आकर बनाएंगे बम
पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आइएसआइ इस बार अपना मिशन फेल नहीं होने देना चाहती है। इसीलिए पहले आरडीएक्स की खेप पहुंचाई गई, फिर टिफिन बम बनाकर उसके साथ आइईडी की खेप ड्रोन के जरिए सप्लाई की गई। टिफिन बम का पहला टेस्ट 20 अगस्त को अजनाला में आयल टैंकर पर किया गया था।
बताया जाता है कि देश की सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिला है कि आइएसआइ द्वारा प्रशिक्षित आतंकी आरडीएक्स की ज्यादा मात्रा के साथ एक टिफिन बम और आइईडी का प्रयोग करके बड़े विस्फोट की तैयारी में है। इसकी भनक सुरक्षा एजेंसियों को लग चुकी है। इसकी जानकारी भी एनएसजी व एऩआइए तथा पंजाब पुलिस को नेशनल बम डाटा सेंटर (एनबीडीसी) के एक्सपर्ट बीते दिनों दे चुके हैं। उसके बाद से पंजाब पुलिस और सतर्क है।
आतंकी वारदातों की कोशिशें
- – 22 नवंबर 2021 पठानकोट सैन्य इलाके में हैंड ग्रेनेड से विस्फोट।
- – 19 नवंबर 2021: फिरोजपुर पुलिस ने शेखवा गांव में स्थित वन विभाग की जमीन से टिफिन के अंदर रखा हैंड ग्रेनेड बरामद किया था। इसके बाद बीएसएफ ने 50 किलोमीटर के इलाके में सर्च अभियान चलाया था।
- – 4 नवंबर 2021: दीवाली के दिन भी फिरोजपुर पुलिस ने भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ लगते गांव झूगे वाले से एक व्यक्ति की निशानदेही पर टिफिन बम बरामद किया था।
- – 23 सितंबर 2021: तरनतारन के भिखीविंड टिफिन बम व हथियार।
- – 15 सितंबर 2021: दिल्ली में गिरफ्तार छह आतंकियों का पंजाब कनेक्शन निकला। उन्हें हथियारों व विस्फोटकों की सप्लाई यहीं से की गई थी, इसकी जांच जारी है।
- – 20 अगस्त 2021: अजनाला में आयल टैंकर के नीचे टिफिन बम से ब्लास्ट की कवायद की थी।
- – 9 अगस्त 2021: अमृतसर के दलिके गांव के पास टिफिन बम और चाइनीज हैंड ग्रेनेड पुलिस ने बरामद किए थे। इन टिफिन बमों में आईईडी लगाई गई थी और इस आईडी लगे बम में कुल दो किलो आरडीएक्स का भी इस्तेमाल किया गया था।
- – 8 अगस्त 2021: कपूरथला के फगवाड़ा में टिफिन बम व हैंड ग्रेनेड की बरामदगी की पुलिस ने।
- – 15 सितंबर 2018: जालंधर का मकसूदां थाना लगातार चार बम धमाकों से दहल उठा। एक के बाद एक हुए धमाके से अफरा-तफरी मच गई। कम शक्ति के इन धमाकों से एसएचओ रमनदीप सिंह व हेड कांस्टेबल परमिंदर जीत सिंह जख्मी हो गए। डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने देर रात पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया। मामले की जांच में सामने आया था कि हमले में आतंकियों ने चीनी ग्रेनेड का इस्तेमाल हुआ था।
- – 27 जुलाई 2015: गुरदासपुर के दीनानगर में पुलिस थाने पर हुए आतंकी हमले में चीन में बने हैंड ग्रेनेड के इस्तेमाल की बात सामने आई थी। इस हमले में तीन पुलिसकर्मी भी शहीद हुए थे। घटना के बाद तत्कालीन डीजीपी सुमेध सिंह सैनी ने खुलासा किया था कि आतंकी सेना की वर्दी में आए थे, जिनके पास उन्नत किस्म के हथियार, चीन निर्मित हैंड ग्रेनेड और जीपीएस प्रणाली मौजूद थी।