उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-चीन सीमा पर नीति बॉर्डर हाईवे पर आवाजाही सोमवार को दोपहर बाद से पूरी तरह से ठप हो गई है। बता दें कि पहाड़ी से चट्टान टूटकर आने से यहां पर सड़क पिछले दो दिनों से बंद थी। लेकिन सोमवार की दोपहर बाद पहाड़ी का एक बहुत बड़ा भाग आकर बॉर्डर हाईवे पर गिरने से फिलहाल कुछ दिनों तक के लिए पूरा बॉर्डर एरिया मुख्य धारा से कट गया है। जोशीमठ शहर से 39 किमी आगे सुराईठोटान के तमक मरखुडा में पिछले 10 दिनों से बॉर्डर हाईवे पर पहाडी से भारी बोल्डर और मलबा आने का सिलसिला जारी है।
खराब मौसम की वजह से हर रोज सड़क पर यायाता ठप रहता है। वहीं 13 अगस्त के दोपहर बाद से अभी तक यहां पर सड़क सुचारू नहीं हो सकती है। बीआरओ की मशीनें पिछले दो दिनों से सड़क खोलने में जुटी हैं। वहीं मरखुडा में पहाडी का बहुत बड़ा भाग टूटकर सड़क में आ गया है जिसे तोड़ने में अब कुछ दिनों का समय लग सकता है। तब तक बार्डर ऐरिया व यहां पर बसे दर्जन भर गांवों की आवाजाही फिलहाल ठप हो गई है।
जिले के सूकी भलागांव के प्रधान लक्ष्मण बुटोला व अनुसुचित जन जाति कल्याण समिति के महासचिव दीवन सिंह खाती कहते हैं कि मरखुडा में पहाडी का 50 मीटर से अधिक का भाग टूटकर बार्डर हाईवे में आ गिरा है। कहते हैं कि यहां पर खडी चट्टाने पिछले कुछ दिनों से दरक रही हैं व जो बड़ा भाग टूटा है उसे मशीनों से तोड़कर हटाने में काफी दिन लग सकते हैं। सड़क बंद होने से सरहद पर बसे गांवों के आवागमन बंद हो गया है। यदि ऐसे में यदि कोई ग्रामीण बिमार होता है या कुछ दुर्घटना होती है तो और मुश्किलें पैदा हो सकती है।