शरद पूर्णिमा का हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है। शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा से निकलने वाली किरणें अमृत के समान मानी जाती हैं। यही वजह है कि इस दिन लोग खुले आसमान के नीचे खीर बनाकर रखते हैं। हालांकि इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण की छाया पड़ने के कारण आसमान से अमृत नहीं बरसेगा।चंद्र ग्रहण लगने के 9 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है। इस बार साल के दूसरे चंद्र ग्रहण का सूतक 28 अक्तूबर की शाम 04 बजकर 06 मिनट से शुरू हो जाएगा। ज्योतिष के अनुसार आचार्य विकास जोशी ने बताया कि आश्विन मास में चंद्र ग्रहण होने से कहीं प्रकृति-प्रकोप, दुर्भिक्ष भय, भूकंप से जन-धन की हानि आशंका भी रहेगी। इसके साथ ही लोहा, क्रूड आयल व लाल रंग की वस्तुओं में तेजी आ सकती है। शासकों में मतभेद, डॉक्टर, वैद्य व व्यापारियों को कष्ट व पीड़ा बढ़ सकती है। चीन, ईरान, ईराक, अफगानिस्तान आदि देशों में अशांति, भय व भूकंप आदि की घटनाएं अधिक होने का भी अंदेशा रहेगा।ज्योतिष के अनुसार आचार्य विकास जोशी ने बताया की 28 अक्तूबर 2023 को चंद्रग्रहण वृषभ, मिथुन, कन्या, धनु और मकर राशि वालों के लिए फायदा दिलाने वाला साबित होगा। इन राशि वालों के रूके हुए काम जल्द पूरे होंगे। मान-सम्मान में इजाफा देखने को मिलेगा।
