तमिलनाडु और पुडुचेरी में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त है। दर्जनों कच्चे पक्के मकान ढह गए हैं। हालात को देखते हुए प्रशासन ने 10 और 11 नवंबर को स्कूल-कालेज में अवकाश का एलान कर दिया है।
मदुरै के डीसी अनीष शेखर (DC Aneesh Sekhar) ने मंगलवार रात तिरुमंगलम के करीब स्थित उचापट्टी के श्रीलंकाई रिफ्यूजी कैंप का मुआयना किया। यहां लगातार हो रही बारिश के कारण दर्जनों मिट्टी के घर ढह गए हैं। तमिलनाडु में लगातार हो रही बारिश के कारण अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 538 झोपडि़यां और चार पक्के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। राज्य के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री केकेएसएसआर रामचंद्रन ने यह जानकारी दी और आशंका जताई की मृतक संख्या बढ़ सकती है। उन्होंने कहा, राज्य में पिछले 24 घंटे में औसतन 16.84 मिमी बारिश हुई। इस दौरान चेंगलपेट जिले में सर्वाधिक बारिश दर्ज की गई है।
मुख्यमंत्री ने किया प्रभावित इलाकों का दौरा
राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने चेन्नई में बारिश से प्रभावित हुए इलाकों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने जरूरतमंद लोगों को भोजन समेत जरूरी सामान बांटा।
अगले दो दिन तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में भारी बारिश की संभावना
दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है, जिसके प्रभाव में दक्षिण अंडमान सागर और आसपास के क्षेत्रों में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके कारण अगले दो दिन तक तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश के तटीय इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग के अनुसार एक ट्रफ रेखा दक्षिण-पूर्व बंगाल पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से तमिलनाडु तट से दूर दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। अगले 24 घंटों के दौरान, तमिलनाडु, केरल के कुछ हिस्सों, तटीय आंध्र प्रदेश और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अलग-अलग हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
नहीं टला संकट, चक्रवाती तूफान की चेतावनी
तमिलनाडु में 10 और 11 नवंबर को भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग का कहना है कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिणपूर्व में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। इससे चक्रवाती तूफान आने की आशंका बनी हुई है। तूफान 11 नवंबर को तमिलनाडु के तट से टकरा सकता है। राज्य के कम से कम नौ जिले इसकी चपेट में आ सकते हैं।
बाढ़ सरकारी अधिकारियों को सबक
झील पर अतिक्रमण से संबंधित याचिका का निपटारा करते मद्रास हाई कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि तमिलनाडु में बारिश और बाढ़ सरकारी अधिकारियों के लिए एक सबक है। याचिका में कहा गया था कि अदालत अरियालुर जिला प्रशासन को आदेश दे कि यहां के एक गांव में कब्जा की गई 1.03 हेक्टेयर भूमि को खाली करवाया जाए, क्योंकि यह इलाका ममानक्का नामक झील का है, जो सूख गई है। हैरानी की बात यह है कि इस झील पर एक अकेले शख्स ने कब्जा किया हुआ है। चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी और जस्टिस पीडी ओदिकेसावालु ने ने प्रशासन को आदेश दिया कि झील को उसकी मूल स्थिति में वापस लाया जाए और इस काम के लिए कब्जा करने वाले शख्स से पैसा वसूला जाए।
नदियों पर अतिक्रमण करने वालों पर करें कार्रवाई
पीठ ने कहा, चेन्नई समेत राज्य के कई इलाकों में बारिश के कारण आ रही बाढ़ को इस मामले से अलग नहीं रखा जा सकता। ऐसे में सरकारी अधिकारियों के लिए यह एक सबक है कि वे जल निकायों व नदियों या बरसात के दौरान बहने वाले पानी के रास्ते में अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई करें। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में तहसीलदार जांच करे और जल निकाय में अतिक्रमण होने की स्थिति में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दे।