चमोली के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में कंट्रोल पैनल से करंट फैला था, जो इसे छू रहे किसी व्यक्ति के जरिये टिन शेड और फिर रेलिंग तक पहुंच गया और रेलिंग पर जुटी लोगों की भीड़ इसकी चपेट में आ गई। हैरत की बात यह है कि प्लांट के भीतर करंट नहीं फैला, इसलिए सुपरवाइजर व पंचनामा कर रहे पुलिसकर्मी इसकी जद में आने से बच गए। लेकिन रेलिंग पर खड़े लोग एक के बाद एक करंट लगने से झुलस गए। घटनास्थल पर गई जांच टीमों के सदस्यों ने अमर उजाला से बातचीत में यह खुलासा किया है।शुरुआती जांच में यह बात सामने आई कि 18 जुलाई की रात जब प्लांट ऑपरेटर गणेश विद्युत सप्लाई का मेन स्विच ऑफ कर रहे थे तो उसमें फॉल्ट हो गया। जिससे लाइन का तीसरा फेज मेन स्विच के बॉक्स से टच हो गया, जिससे गणेश उसकी चपेट में आ गए। करंट लगने पर गणेश बाहर की ओर दौड़े और इसी दौरान उनकी मौत हो गई।तकनीकी जांच के दौरान यह तथ्य भी सामने आया है कि प्लांट का जेनरेटर खराब था। प्लांट संचालकों ने इसे बाईपास किया हुआ था। यानी सीधे बिजली लाइन से प्लांट जुड़ा हुआ था। अगर जेनरेटर बीच में होता तो इसमें लगा हुआ एएमएफ (ऑटोमैटिक मेन्स फेलियर) पैनल भीतर शॉर्ट सर्किट होते ही लाइन को ट्रिप कर देता, और ये दर्दनाक हादसा होने से बच जाता।
ताजा न्यूज़
December 9, 2024