उत्तराखंड में हो रही बारिश तांडव मचा रही है। प्रदेश के अधिकांश जिलों में बीते सप्ताहभर से लगातार बारिश हो रही है बारिश के कारण प्रदेशभर की 248 सड़कें बंद हैं। बरसात के कारण हुए भूस्खलन से यह सड़क मार्ग अवरुद्ध हुए हैं। सड़कें बंद होने के कारण राज्यभर के 503 गांवों का संपर्क जिला मुख्यालयों से कट गया है। 70 गांवों में पानी की आपूर्ति ठप हो गई है। 150 गांव अंधेरे में जीने को मजबूर हैं।तांडव रूपी बरसात के कारण 50 से अधिक गांव संचार सेवा को तरस रहे हैं। लगातार हो रही बरसात के कारण प्रदेशभर के 50 से अधिक गांवों में संचार सेवा ठप हो गई है। लोगों के मोबाइल बंद पड़े हैं। बारिश के कारण विभिन्न नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। हरिद्वार और ऋषिकेश में जहां इस वक्त कांवड़ियों की भीड़ है तो गंगा खतरे की रेखा के बहुत करीब बह रही है। यहां गंगा नदी के उफान पर होने के कारण खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। कई इलाकों की गलियां नहरों में तब्दील हो गई हैं।लगातार हो रही बारिश के कारण कई लोग बेघर हो गए हैं तो कई लोग अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठे हैं। केदारनाथ पैदल मार्ग पर पहाड़ी से मलबा और पत्थर गिरने के कारण वहां से गुजर रही गुजरात की एक महिला तीर्थ यात्री की मौत हो गई। टिहरी जिले के नंद गांव के पास पहाड़ी से मलबा गिरने के कारण उत्तर प्रदेश का कांवड़िया गहरी खाई में गिरा और मौके पर ही मौत हो गई।
टिहरी जिले में आकाशीय बिजली ने तांडव मचाया है। जिले के भिलंगना ब्लॉक के पवाली बुग्याल क्षेत्र में आसमान से बिजली गिरने के कारण वहां चर रही 100 से अधिक बकरियां मर गई हैं। जिले के मंगोली गांव में बुधवार रात आकाशीय बिजली गिरने से गौशाला और गाय की मौके पर जलकर मौत हो गई। बागेश्वर जिले में हुई अतिवृष्टि के कारण चार मकान धराशाई हो गए, जिस कारण 14 लोगों की जिंदगी सड़क पर आ गई है।