मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि यह मुद्दा हमारे लिए नया नहीं है। दरअसल, पुष्कर सिंह धामी ने 20-21 फरवरी 2022 को उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के प्रचार मैदान में यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा उठाया था। दरअसल, उस समय उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी कई प्रकार की चुनौतियों से जूझ रही थी। पार्टी के प्रदर्शन पर सवाल उठ रहे थे। तमाम सर्वे भाजपा को कांटे की टक्कर मिलता दिखा रहे थे। लेकिन, सीएम धामी ने जैसे ही समान नागरिकता संहिता का मुद्दा उठाया, उत्तराखंड का चुनावी माहौल बदल गया। पार्टी ने 70 सदस्यीय विधानसभा में 47 सीटों पर जीत दर्ज की। कांग्रेस को 19, बसपा को दो और निर्दलीय को दो सीटों पर जीत मिली। भाजपा ने इस बड़ी जीत के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड पर काम शुरू किया। अब ड्राफ्ट कमेटी ने इसे तैयार कर लिया है। फाइनल ड्राफ्ट छपने के लिए गया है। इस मसले पर सीएम धामी ने एक निजी चैनल से बातचीत में अपनी स्थिति साफ की। उन्होंने कहा कि यह मसला आज-कल का नहीं है।सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमने उत्तराखंड चुनाव 2022 समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर लड़ा था। लोगों ने हमें इस मुद्दे पर अपना समर्थन दिया। सीएम धामी ने सरकार गठन के बाद ही इसके लिए कमिटी गठन को मंजूरी दी। रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ कमिटी का गठन हुआ। विशेषज्ञ कमिटी को 30 जून तक फाइनल ड्राफ्ट तैयार करना था।ड्राफ्ट कमेटी ने इसे तैयार कर लिया है। फाइनल ड्राफ्ट छपाई के लिए भेजा जा चुका है। छपकर आने के बाद रंजना देसाई कमिटी उत्तराखंड सरकार को यह ड्राफ्ट सौंप देगी। सरकार ने इसके बाद प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू किए जाने का संकेत दिया है। सरकार बनते ही हमने ड्राफ्ट के लिए कमेटी तैयार की। सीएम धामी ने कहा कि संविधान की धारा 44 में समान नागरिक संहिता का प्रावधान है। इसी के तहत राज्य सरकारें अपने यहां समान नागरिक संहिता लागू कर सकती हैं।
ताजा न्यूज़
September 8, 2024