पुरोला कस्बे में विश्व हिंदू परिषद के कथित दबाव में मुसलमान गुरुवार को ईद-उल-अजहा के मौके पर सार्वजनिक स्थान पर नमाज पढ़ने के लिए इकटठा नहीं हुए । पुरोला में रह रहे मुसलमान सामूहिक रूप से नमाज पढ़ने के लिए वहां से करीब 30 किलोमीटर दूर सांद्रा या विकासनगर गए। इस पर देहरादून के मुस्लिम संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ऐसी बात भारतीय संविधान की धर्मनिरपेक्ष भावना के खिलाफ है। संगठनों ने इसे प्रशासन की विफलता करार देते हुए दावा किया कि राजनीतिक प्रश्रय के बिना ऐसी बातें नहीं हो सकतीं।पुरोला के पुलिस थानाध्यक्ष अशोक चक्रवर्ती ने कहा कि पुलिस ने ईद-उल-अजहा पर शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए सभी पक्षों के साथ एक बैठक की थी, लेकिन नमाज के लिए कोई सार्वजनिक सभा आयोजित न करना मुसलमानों का अपना निर्णय था। उधर, विहिप के पुरोला के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र रावत ने कहा कि उन्होंने नमाज पढ़ने को कभी मना नहीं किया था लेकिन इतना कहा था कि सार्वजनिक जगह पर अल्पसंख्यक लोग इकटठा होकर सामूहिक नमाज न पढ़ें। किसी की भावनाओं को आहत करना उनका उददेश्य कभी नहीं रहा है। क्या कभी किसी को अपने घर में निजी रूप से नमाज पढ़ने से रोका जा सकता है ?