उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से देश की राजधानी नई दिल्ली तक चली बहुप्रतीक्षित वंदे भारत एक्सप्रेस को लेकर विरोध शुरू हो गया है। रेलवे से जुड़े कर्मचारियों का कहना है कि वंदे भारत चलाने को लेकर रेलवे विभाग कर्मचारियों के साथ भेदभाव कर रहा है। इस विरोध की वजह से रेल यात्रियों की मुश्किल बढ़ सकती है।दरअसल, वंदे भारत ट्रेन के आगे नॉदर्न रेलवे मेन्स यूनियन के पदाधिकारियों और सदस्यों ने ट्रेन के आगे प्रदर्शन भी किया। ऐसी मांग की गई है कि जब ट्रेन की प्राइमरी मेंटेनेंस देहरादून में है तो फिर लोगो पायलट से ही ट्रेन में काम करवाया जाए। उद्धाटन तो यहां के कर्मचारियों से ही करवाया गया। फिर बाद में दिल्ली के लोको पायलट से ट्रेन को चलवाने का आदेश जारी किया गया।कर्मचारियों का कहना है कि मांग पूरी नहीं हो जाने तक विरोध जारी रहेगा। विरोध होने के बाद दिल्ली से आया हुआ स्टाफ जन शताब्दी से वापस लौट गया। कर्मचारियों का आरोप है कि दिल्ली मंडल के कर्मचारी 40 प्रतिशत वीआईपी ट्रेन चला रहे हैं। शताब्दी और जनशताब्दी ट्रेन भी दिल्ली के लोको पायलट ही चला रहे हैं।
इस मामले में कर्मचारियों ने चेतावनी जारी की है कि जब तक देहरादून के लोको पायलट से वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को चलाने का आदेश नहीं आता है, तब तक कर्मचारियों की तरफ से विरोध जारी रहेगा।