राज्य पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स (STF Uttarakhand Police) की हवाला कांड के आरोपियों के खिलाफ ताबड़तोड़ छापेमारी जारी है. अब तक इस मामले में 7 ठगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इन 7 में एक ठग दो दिन पहले ही गिरफ्तार किया गया है. अब तक इंटरस्टेट ठगी का यह 1250 करोड़ का स्कैम पता चला है. कई ठगों के खिलाफ पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी कर रखे हैं, ताकि वे गिरफ्तारी से पहले ही कहीं विदेश में जाकर न छिप जाएं. यह भांडाफोड़ हुआ है 2021 में दर्ज एक मुकदमे के आधार पर.हरिद्वार निवासी एक शख्स ने सितंबर 2021 में मुकदमा दर्ज कराया था. उसके बाद से ही राज्य पुलिस साइबर क्राइम और एसटीएफ की टीमें इस मामले के ठगों तक पहुंचने के लिए कसरत कर रही थीं. शुक्रवार को इन तमाम तथ्यों का जिक्र, एसटीएफ उत्तराखंड प्रमुख वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने किया. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ ने आगे कहा, 4 सितंबर 2021 को पीड़ित ने साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन में आकर मुकदमा दर्ज कराया था.पीड़ित ने बताया था कि, अज्ञात व्यक्ति द्वारा वॉट्ससएप पर मैसेज भेजा गया था. उस मैसेज में सोना/रेडवाइन मसाले आदि चीजों की चीन से आनलाइन ट्रेडिंग पर इन्वेस्टमेंट करने को कहा गया.मुनाफा कमाने के फेर में साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसा पीड़ित, अपनी 15 लाख रुपए की गाढ़ी कमाई भी लुटा बैठा. इस मामले के भांडाफोड़ के लिए निरीक्षक त्रिभुवन रौतेला, उप निरीक्षक राहुल कापड़ी, ASI मनोज बैनीवाल और सिपाही हरेन्द्र भंरी की टीम बनाई गई थी.पुलिस टीमों ने घटना में प्रयुक्त विभिन्न बैंक खातो एवं मोबाइल नम्बरों की जानकारी सबसे पहले जुटाई. तब पता चला कि यह तो चीन ठग कंपनी द्वारा चलाई जा रही मनी-लॉड्रिग का खतरनाक खेल है. सबसे पहले अभियुक्त रोहित कुमार को पंजाब के फरीदकोट (पाकिस्तान बार्डर) से पकड़ा गया. उसके बाद 2 को भोपाल मध्य प्रदेश से 1 अभियुक्त को राउरकेला उड़ीसा से एक अभियुक्त अश्वनी कुमार को उत्तम नगर दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद इस मामले में मुंबई के एक फिल्म निर्माता की भूमिका संदिग्ध मिली तो, उसे भी सीआरपीसी की धारा 41 (A) का नोटिस तामील करवाया गया.