उत्तराखंड के जोशीमठ के विभिन्न हिस्सों में हो रहे भूस्खलन और भू-धंसाव से प्रभावित लोग पिछले डेढ़ महीने से तहसील परिसर में बैठकर धरना दे रहे हैं। लोगों की मांग है कि भू-कटाव की वजह से जो उनके भवन और भूमि क्षतिग्रस्त हुई है। उसका उचित मुआवजा और स्थायी पुनर्वास दे दिया जाए। निरंतर धरने पर बैठ रहे लोगों के अनुसार सरकार पिछले डेढ़ महीने से मामले को टाल-मटोल कर रही है। इसलिए आज सैकड़ों की संख्या में लोग हाथों में मशाल लेकर जोशीमठ की सड़कों पर उतरे और मशाल जुलूस निकाला।इस दौरान लोगों ने जमकर उत्तराखंड सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और सीएम पुष्कर धामी मुर्दाबाद के नारे लगाए। आंदोलन के नेता अतुल सती ने कहा कि सड़कों पर उतरी यह भीड़ प्रभावितों की भीड़ है। जिन लोगों के घर इस आपदा का शिकार हुए हैं, उन लोगों की भीड़ है। और सरकार के नकारेपन की वजह से लोगों को दूसरी बार अपने हाथों में मशाल लेकर सड़क पर उतरना पड़ा। उल्लेखनीय है कि लगभग एक महीने पहले भी लोग इन्हीं मांगों के लिए हाथों में मशाल लेकर सड़कों पर उतरे थे। लेकिन स्थिति अभी तक जस की तस बनी हुई है।भूस्खलन से प्रभावित लोगों को अभी तक उचित पुनर्वास और मुआवजा नहीं मिल सका है। जिसके लिए लोगों के मन में गुस्सा है। लोगों ने हाथों में मशाल लेकर सरकार से यह प्रश्न किया कि आखिर उनका स्थायी पुनर्वास और उनकी जमीनों का उचित मुआवजा उनको कब और कितना मिलेगा।