जमीन धंसने से प्रभावित जोशीमठ में पिछले तीन दिनों से दरारों की चौड़ाई नहीं बढ़ने से प्रशासन ने राहत की सांस ली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों से कहा कि वे विभिन्न पहलुओं से घटना का अध्ययन कर रहे सभी तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट आते ही आगे की योजना पर तत्काल काम शुरू करें। इस बीच, चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने जोशीमठ में असुरक्षित घोषित और एक निजी मकान को तोड़ने का आदेश जारी किया है और लोगों से नया जोशीमठ बसाने या अन्य किसी स्थान पर विस्थापन के संबंध में अपने सुझाव देने को कहा है।मुख्यमंत्री ने दिल्ली से लौटने के बाद जोशीमठ में चल रहे राहत कार्यों की यहां समीक्षा करते हुए कहा कि जमीन धंसने से प्रभावित नगर का अध्ययन कर रहे सभी केंद्रीय तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट मिलते ही वहां आगे की योजना पर तेजी से काम शुरू किया जाए। जोशीमठ में भूधंसाव के बाद से केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय भू-भौतिक अनुसंधान संस्थान, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड, भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान तथा आईआईटी रूडकी जैसे संस्थान नगर का विभिन्न पहलुओं से अध्ययन कर रहे हैं। सभी संस्थानों ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट दो से तीन सप्ताह में देने की बात कही है।धामी ने कहा कि विस्थापन औैर पुनर्वास के लिए वहां के लोगों से मिलकर सुझाव लिये जाएं और इस संबंध में रिपोर्ट जल्द से जल्द सरकार को भेजी जाए। उन्होंने कहा कि सरकार प्रभावितों को बेहतर विस्थापन सुविधाएं उपलब्ध कराएगी, आपदा प्रबंधन में धन की कमी आड़े नहीं आएगी।
धामी ने बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और उनसे प्रभावितों के पुनर्वास के लिए केंद्रीय राहत पैकेज की मांग की थी। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उन शहरों के लिए भी कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए जहां सही जल निकासी योजना एवं सीवर प्रणाली नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सभी शहरों को श्रेणियों के आधार पर चिन्हित किया जाए।