
उत्तराखंड के जोशीमठ में भू धंसाव से प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार ने पहले केंद्र का ऐलान कर दिया है. सरकार ने दावा किया है कि पीपलकोटी में 120 प्रभावितों को बसाया जाएगा. यह स्थान मौजूदा जोशीमठ से करीब 36 किमी की दूरी पर चमोली जिले में है. सरकार ने इस पुनर्वास को विस्थापन कार्यक्रम का पहला फेज बता रही है. वहीं दूसरे फेज में धाक और गौंक सेलांग गांव के पास प्रभावितों को बसाने की योजना है. यह पूरा इलाका मौजूदा जोशीमठ से दूर है और खेती की जमीन है. यह जानकारी राज्य आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि पीपलकोटी में प्रभावितों को बसाने के लिए चमोली जिला प्रशासन ने प्रस्ताव दिया था.न्होंने बताया कि सरकार ने जोशीमठ के प्रभावितों को नए सिरे से बसाने के लिए कुल चार साइट चिन्हित किए थे. इनमें पहली साइट समुद्रतल से करीब 1260 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पीपलकोटी है. यहां बसावट के लिए दो हेक्टेयर जमीन चिन्हित की गई है. इस जमीन पर अत्याधुनिक तरीके से बसावट की जाएगी. चूंकि इस स्थान पर 120 से अधिक लोगों की बसावट करना संभव नहीं है. इसलिए फिलहाल ज्यादा प्रभावित लोगों को पहले चरण में यहां लाया जाएगा. वहीं बाकी लोगों की बसावट के लिए दूसरे चरण में प्रयास किया जाएगा. इसके लिए दूसरी साइटों पर उचित स्थान का चयन और उसे अमलीजामा पहनाने का काम शुरू कर दिया गया है.
आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा के मुताबिक नए पुनर्वास केंद्रों पर बनाए जा रहे भवनों के तीन मॉडल स्वीकृत किए गए हैं. इनमें से ज्यादातर स्ट्रक्चर प्रभावित लोगों की सुविधा को देखते हुए तैयार किए जा रहे हैं. इसके लिए कार्यदायी संस्था ने निर्धारित स्थान पर अपने काम शुरू कर दिए हैं. बता दें कि जोशीमठ में अब तक 849 मकानों में दरारें आ चुकी हैं. जबकि जिला प्रशासन ने अभी 180 अन्य मकानों को भी खतरनाक बताते हुए इनकी दीवारों पर लाल निशान लगा दिया है. इनमें रह रहे लोगों को जल्द से जल्द खाली करने को कह दिया गया है.