जोशीमठ त्रासदी में नई इमारतों और घरों मे दरारें आने का सिलसिला जारी है. अब जोशीमठ के म्यूनिसिपल बोर्ड की कार पार्किंग जो कि मल्टी फ्लोर बनी है उसमें भी दरारें दिखाई दी हैं. इस बिल्डिंग को राहत सामग्री रखने के लिए तैयार किया गया था. हालांकि दरारें दिखने के बाद इस बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले तीन परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है. कार पार्किंग के तीसरे मंजिल को जिला प्रशासन रिलीफ फंड की सामग्री को रखने के लिए इस्तेमाल कर रहा था वहीं नीचे वाले फ्लोर पर स्टाफ फैमिली रह रही थी.उत्तराखंड सरकार की ओर से जारी किए गए एक बुलेटिन के मुताबिक रविवार शाम तक उन घरों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है जिनमें क्रैक्स दिखाई दे रहे थे. जानकारी के मुताबिक अब कुल 826 मकानों में दरारें दिखाई दे रही हैं. इनमें से 165 अब तक असुरक्षित घोषित किए जा चुके हैं. इन मकानों से अब तक 233 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर रखा गया है. इनमें वह 17 परिवार भी शामिल हैं जिन्हें हाल ही में शिफ्ट किया गया है.जोशीमठ में जारी भू-धंसाव संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है. यहां अब जोशीमठ-औली रोप वे खतरे की जद में आ गया है जबकि इससे कुछ ही मीटर दूर स्थित दो अन्य बडे़ होटलों के भी एक दूसरे की ओर झुकने की रफ्तार तेज हो गयी है. उधर, भू-धंसाव के कारण ऊपरी हिस्से में एक दूसरे से खतरनाक रूप से जुड़ गए होटलों ‘मलारी इन’ और ‘होटल माउंट व्यू’ के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जारी है.साढे चार किलोमीटर लंबा जोशीमठ-औली रोपवे एशिया की बड़ी रोपवे परियोजनाओं में एक माना जाता है जो छह हजार फुट पर स्थित जोशीमठ को नौ हजार फुट पर स्थित औली स्कीइंग केंद्र से जोड़ता है. पिछले 10 दिनों से इसका संचालन बंद है. रोपवे जहां से शुरू होता है, वह खतरे वाले इलाकों से जुड़ा है. इसके निचले हिस्से से तकरीबन आधा किलोमीटर सीधे नीचे जयप्रकाश कंपनी की वही कालोनी है जहां दो जनवरी को सबसे पहले समस्या सामने आयी थी. जेपी कालोनी के ऊपर और नीचे की ओर स्थित सभी संरचनाएं भू-धंसाव की जद में हैं.जोशीमठ म्यूनिसिपल बोर्ड के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर भरत भूषण पंवार ने कहा, ‘मल्टी लेवर कार पार्किंग की इमारत में क्रैक्स आने की वजह से हमने यहां रह रहे स्टाफ के परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट किया है. यह सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिए गया फैसला है.’ वहीं रिलीफ मटेरियल को मैनेज करने वाले नोडल ऑफिसर नंदन कुमार ने कहा कि रिलीफ सामग्री को दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जाएगा और जल्द से जल्द लोगों को बांटा जाएगा.इनके अलावा म्यूनिसिपल बोर्ड के अध्यक्ष शैलेंद्र पंवार ने कहा है, ‘एग्जीक्यूटिव ऑफिसर को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह बिना देरी किए बिल्डिंग में रह रहे लोगों को तुरंत शिफ्ट किया जाए.’ वहीं म्यूनिसिपल बोर्ड का स्टाफ मेंबर डिपू जो कि ब्लिडिंग की नीचे वाले फ्लोर पर रहता था ने बताया कि, ‘मेरा परिवार यहां पर पिछले 12 साल से रह रहा है. हाल ही में जो बिल्डिंग में क्रैक आए हैं वह बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं.’