उत्तराखंड के जोशीमठ में मकानों और सड़कों पर आ रही दरारों की वजह तो पता नहीं चल पाई है लेकिन इस आपदा से उत्तराखंड सरकार सबक लेती नजर आ रही है। मंगलवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि वह नैनीताल, अल्मोड़ा, कर्ण प्रयाग, पौड़ी और मसूरी जैसे शहरों की धारण क्षमता का भी सर्वे कराएगी। सीएम ने बताया कि जोशीमठ आपदा के प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए जमीन देखी जा रही है। पीपलकोटि और गोचर के आसपास जमीनों का सर्वेक्षण कराया जा रहा है। अगर जमीन सही निकलती है तो आगे पुनर्वास की कार्रवाई की जाएगी।धामी ने कहा कि आपदा आई है तो बहुत सारी बातें आ रही हैं लेकिन आपदा के कारणों पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। सभी के सर्वेक्षण चल रहे हैं और बहुत से संस्थान काम कर रहे हैं। उनकी रिपोर्ट न आ जाए तब तक कुछ नहीं कह सकते। जोशीमठ के आपदा से सबक लेते हुए धामी ने कहा कि हम उत्तराखंड के कर्णप्रयगाग, पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल, मसूरी जैसे शहरों की धारण क्षमता का आकलन करेंगे। इसके बाद इन पर पॉलिसी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ में पुनर्निर्माण का काम मानकों के आधार पर किया जा रहा है। वहां इकॉलजी को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है।धामी ने कहा कि अभी राज्य और केंद्र सरकार के सारे ही संस्थानों की प्राथमिकता है कि लोगों को सुरक्षित स्थान पर किया जाए। अभी तक 81 परिवारों को जोशीमठ से शिफ्ट किया गया है। 671 स्थान ऐसे हैं, जहां पर दरारों से नुकसान पहुंचा है। भारत सरकार के संस्थान एनडीएमए, एनडीआरएफ मौके पर हैं और भूवैज्ञानिक भी समीक्षा-सर्वेक्षण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपदा के असल कारणों को खोजा जा रहा है। कारण जब सामने आएगा तो उसके हिसाब से ऐक्शन लेंगे।