उत्तराखंड के जोशीमठ में एक ओर जहां प्रशासन असुरक्षित घरों और होटलों को खाली कराने की तैयारी में जुटा है, वहीं भू धंसाव की वजह से अब गांधीनगर और पालिका मारवाड़ी में बने मकानों में भी दरारें पड़नी शुरू हो गई हैं. अधिकारियों के मुताबिक, गांधीनगर के 134 और पालिका मारवाड़ी के 35 मकानों में दरारें आ गई हैं. वहीं,लोअर बाजार के 34, सिंघधार के 88 , मनोहरबाग के 112 ,अपर बाजार के 40, सुनील ग्राम के 64,परसारी के 55 और रविग्राम के 161 मकान भी असुरक्षित जोन में आ गए हैं. बताया जा रहा है कि जोशीमठ में भू धंसाव की वजह से अबतक 723 घरों में दरारें आई हैं. आज असुरक्षित होटलों और मकानों को गिराया जाएगा.बताया जा रहा है कि अब तक 131 परिवारों को विस्थापित किया गया है. इसी बीच, कल रात्रि को जब डीएम, एडीएम और एसडीएम सहित आला अधिकारियों के गाड़ियों का काफिला आपदा पीड़ितों के शिविरों में निरीक्षण करने के लिए जोशीमठ के मेन मार्केट से गुजर रहा था, इसी दौरान अधिकारियों की गाड़ियों के काफिले को आपदा पीड़िता गीता प्रमार ने एक दम से रोक दिया . आनन-फ़ानन में एडीएम व जोशीमठ की एसडीएम कुमकुम जोशी को तुरंत अपनी गाड़ी से उतरना पड़ा. अधिकारी गीता प्रमार आपदा पीड़ित से मिले, जहां गीता प्रमार व उसके परिवार ने एसडीएम को खूब खरी कोटी सुनाई. इसको देख कर अधिकारी सन्न रह गए और आपदा पीड़ित गीता प्रमार का हाईवे से हटने का इंतज़ार करते दिखे .उत्तराखंड के मुख्य सचिव एस एस संधू ने एनसीएमसी को वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी और बताया कि गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है. बयान में कहा गया है कि प्रभावित परिवारों को समायोजित करने के लिए जोशीमठ और पीपलकोटी में राहत आश्रयों की पहचान की गई है तथा राज्य सरकार द्वारा उचित मुआवजा एवं राहत उपाय प्रदान किए जा रहे हैं.केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने समिति को बताया कि सीमा प्रबंधन सचिव के नेतृत्व में गृह मंत्रालय के अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय टीम वर्तमान में स्थिति के आकलन के लिए जोशीमठ में है केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कस्बे के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि लोगों की जान बचाने के लिए जनहित में विध्वंस की कार्रवाई की जा रही है.