कोविड मामलों को देखते हुए भारत में भी सख्ती बरती जा रही है. देश के अलग-अलग राज्यों में वैक्सीनेशन का काम तेज हो गया है. लेकिन, उत्तराखंड में कोरोनाटीकाकरण अभियान पर ब्रेक लग गया है. बताया जाता है कि प्रदेश में कोविशील्ड वैक्सीन डोज का स्टॉक खत्म हो गया है. प्रदेश सरकार ने केंद्र से तीन लाख वैक्सीन की शीशी मांगी है. राज्य में 25 प्रतिशत लोगों ने अब तक बूस्टर डोज लगवाई हैबताया जा रहा है कि राज्य में 65 लाख से अधिक लोग ऐसे हैं, जिन्होंने कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन की तीसरी डोज नहीं ली है.सरकार एक बार फिर से राज्य में टीकाकरण अभियान को तेज करने की कवायद कर रही है.लेकिन, वैक्सीन का स्टॉक खत्म होने से स्वास्त्य विभाग के कर्मचारी परेशान हैं. रविवार को प्रदेशभर में 172 लोगों को ही सिर्फ वैक्सीन लगी. स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट ने कहा कि कोविशील्ड वैक्सीन की कमी है. इसके लिए केंद्र सरकार से वैक्सीन उपलब्ध कराने की मांग की गई है देश में कोविड-19 की औसत राष्ट्रीय दर अभी 0.21 प्रतिशत के सामान्य स्तर पर है लेकिन देश के तीन दर्जन जिलों में यह एक प्रतिशत से अधिक तथा आठ जिलों में पांच प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई है. ये आंकड़े ऐसे समय में महत्वपूर्ण हैं जब चीन समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की रफ्तार काफी तेज हो गई है. देश के राज्यों/प्रयोगशालाओं द्वारा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के पोर्टल पर 16-22 दिसंबर की अवधि में दर्ज किए गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है कोविड-19 संबंधी आंकड़ों के अनुसार, भारत में आठ जिलों में कोरोना वायरस संबंधी संक्रमण दर पांच प्रतिशत से अधिक है. इनमें अरुणाचल प्रदेश का लोहित (5.88 प्रतिशत), मेघालय का री भोई (9.09 प्रतिशत), राजस्थान का करौली (5.71 प्रतिशत) और गंगानगर (5.66 प्रतिशत), तमिलनाडु का डिंडिगुल (9.80 प्रतिशत) तथा उत्तराखंड का नैनीताल (5.66 प्रतिशत) शामिल हैं. हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में संक्रमण दर 14.29 प्रतिशत और उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में 11.11 प्रतिशत दर्ज की गई.अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नयी दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने भाषा से कहा, ‘कुल मिलाकर, कोविड मामलों में कोई अप्रत्याशित वृद्धि नहीं हुई है और भारत वर्तमान में एक ठीक स्थिति में है. भारत में लोगों को ‘हाइब्रिड इम्युनिटी’ विकसित होने के कारण प्राकृतिक प्रतिरक्षा के लाभ की स्थिति है. हालांकि हमें सतर्क रहने एवं सुरक्षा उपायों का पालन करने की जरूरत है. आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के दक्षिण-पूर्वी जिले में संक्रमण दर 1.13 प्रतिशत तथा दक्षिण गोवा में 1.10 प्रतिशत तथा उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 2.67 प्रतिशत है. (भाषा के इनपुट के साथ)