टीबी अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक चिकनगुनिया की चपेट में आ गए हैं। मेला अस्पताल की जांच रिपोर्ट में चिकित्सक को चिकनगुनिया होने की पुष्टि हुई है। चिकित्सक ने बताया पिछले कुछ दिनों से वह बीमार चल रहे थे। लक्षणों को देखते हुए उन्होंने टेस्ट कराया तो चिकनगुनिया की पुष्टि हुई है। सीएमओ डॉ. कुमार खगेंद्र ने बताया कि चिकनगुनिया का यह पहला मामला जिले में सामने आया है।डेंगू के बाद चिकनगुनिया ने भी जिले में दस्तक दे दी है।
मेला अस्पताल से सटे टीबी अस्पताल में तैनात चिकित्सक की जांच रिपोर्ट में चिकनगुनिया की पुष्टि हुई है। सीएमओ डॉ. कुमार खगेंद्र सिंह ने बताया कि टीबी अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक को जांच में चिकनगुनिया की पुष्टि हुई है। डॉ. कुमार खगेंद्र सिंह ने बताया कि चिकित्सक की हालत सामान्य है। सीएमओ ने बताया कि हरिद्वार जिले में चिकनगुनिया का यह पहला मामला सामने आया है।
कैसे होता चिकनगुनिया
मच्छर से उत्पन्न बीमारी चिकनगुनिया विदेश में अधिक होती है। लेकिन पिछले कई साल से भारत में भी यह बीमारी हो रही है। मच्छर के काटने से ही यह बीमारी होती है। 4 से 6 दिनों तक अपना असर अधिक दिखाती है। ये मच्छर आमतौर पर दिन और दोपहर के समय में काटते हैं, और चिकनगुनिया के मच्छर घर से ज्यादा बाहर काटते हैं। वे घर के अंदर भी पैदा हो सकते हैं।