सरकार ने दिसंबर तक प्रदेश में शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा है। इसे पूरा करने के लिए तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं। अभी जैसे-जैसे वैक्सीनेशन अभियान गति पकड़ रहा है, वैक्सीनेशन केंद्रों तक पहुंचाने वालों की संख्या लगातार कम हो रही है। ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग का फोकस बुजुर्गों व दिव्यांगों के वैक्सीनेशन पर है। इसके लिए ऐसे व्यक्तियों को चिह्नित करते हुए उनके घर जाकर वैक्सीन लगाने अथवा उन्हें वैक्सीनेशन के लिए नजदीकी केंद्रों तक आने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीनेशन काफी तेजी से चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को वैक्सीन लगाने का जो अनुमानित लक्ष्य रखा गया है, वह 77.29 लाख है। इसके सापेक्ष अभी तक राज्य में 73.42 लाख व्यक्तियों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है। इनमें से 30 लाख को दोनों डोज लग चुकी है, यानी उनका पूर्ण वैक्सीनेशन हो चुका है। प्रतिशत की बात करें तो प्रदेश में अभी तक 93 प्रतिशत व्यक्तियों को पहली वैक्सीन लग चुकी है। इससे विभाग उत्साहित है।
विभाग दिसंबर से पहले प्रदेश में शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन होने की उम्मीद भी जता रहा है। विभाग का अब यह मानना है कि वैक्सीनेशन से जो लोग छूट रहे हैं, उनमें बुजुर्ग व दिव्यांग हो सकते हैं। शुरुआती दौर में वैक्सीनेशन कैंप में इन्हीं व्यक्तियों को सबसे अधिक परेशानी देखने को भी मिली थी। इसे देखते हुए विभाग अब आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं के जरिये हर मोहल्ले व गांव में बुजुर्ग व दिव्यांगों को चिह्नित कर रहा है। इससे समाज कल्याण विभाग के डाटा बेस का भी सहारा लिया जा रहा है। इससे पेंशन पाने वाले बुजुर्ग व दिव्यांगों के नाम व पते देखे जा रहे हैं।
मकसद यह है कि आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्त्ता इन पतों पर जाकर यह पुष्टी कर सकें कि इनमें से कितनों को वैक्सीन लग चुकी है और कितनों को लगनी बाकी है, जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी होगी, उन्हें नजदीकी केंद्रों तक लाने की व्यवस्था कर वैक्सीन लगाना सुनिश्चित किया जाएगा। सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि केंद्र के निर्देश के अनुसार जुलाई माह से ही यह व्यवस्था बना दी गई थी। अब इसका सख्ती से अनुपालन करना सुनिश्चित किया जा रहा है ताकि सभी को वैक्सीन लगाई जा सके।