पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला को गोली मारने वाला शूटर देहरादून में भी रुका था। ऐसे में एक बार फिर देहरादून का नाम इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस से जुड़ गया है। हालांकि, शूटर गोली मारने के बाद नहीं, बल्कि वारदात से पहले देहरादून में रुका था। इस बाबत पंजाब पुलिस, उत्तराखंड एसटीएफ और आईबी ने पड़ताल की है।
बताया जा रहा कि उससे मिलने जुलने और शरण देने वाले कुछ लोगों को चिह्नित किया गया है। 29 मई को मनसा (पंजाब) में गायक मूसेवाला पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कुख्यात लॉरेंस विश्नोई गैंग का हाथ बताया जा रहा है। हत्याकांड से अगले दिन उत्तराखंड का नाम भी इस मामले से जुड़ गया था। उत्तराखंड पुलिस और एसटीएफ ने गोली मारने वाले बदमाशों की मदद करने के आरोप में दून से सटे इलाके से पकड़कर पंजाब पुलिस को सौंपा था। वह हेमकुंड साहिब की यात्रा कर लौट रहा था। हालांकि, यह मामला किसी के शरण पाने से संबंधित नहीं था। अब इसी तरह एक बार फिर देहरादून का जुड़ाव इस हत्याकांड हो रहा है।
सूत्रों के अनुसार, गोलियां बरसाने वाले शूटरों में से एक हत्याकांड से पहले दून में कई दिनों तक रुका था। वह यहां पर अपने परिचितों के घर और अन्य ठिकानों पर रुका था। इस बात की भनक लगते ही बीते रोज पंजाब पुलिस ने उत्तराखंड एसटीएफ की मदद मांगी थी। पंजाब पुलिस की टीम के साथ आईबी के अधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने दो दिनों तक देहरादून में पड़ताल की। संयुक्त टीम ने कई लोगों को चिह्नित किया है। इनसे पूछताछ के बाद सुराग हाथ आए हैं। यदि पंजाब पुलिस की इस जांच में कड़ियां जुड़ती हैं तो बड़ा खुलासा हो सकता है। दो दिन पूर्व पुणे में भी एक शूटर को गिरफ्तार किया गया था। बताया जा रहा कि उत्तराखंड पुलिस लगातार पंजाब पुलिस के संपर्क में है।
कई ऑपरेशनों को दे चुके हैं अंजाम
पंजाब और उत्तराखंड पुलिस कई ऑपरेशनों को एक साथ अंजाम दे चुकी है। पहले भी कई बड़े मामलों में राजधानी दून व अन्य शहरों के नाम जुड़ चुके हैं। नाभा जेल ब्रेक मामले में भी षड्यंत्रकर्ता ने देहरादून में पनाह ली थी। इसके अलावा पंजाब के कई गैंगस्टरों और इनामी बदमाशों को दून व अन्य शहरों से उत्तराखंड एसटीएफ व कई जिलों की पुलिस ने गिरफ्तार किया था।