
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर परेड ग्राउंड देहरादून में राज्य के मुख्य कार्यक्रम में ध्वजारोहण किया। जल्द ही हिमालयी राज्यों के लिए उत्तराखंड विकास का एक माडल बनेगा। राज्य सरकार इकोनामी और इकोलाजी में संतुलन बनाते हुए विकास का रोडमैप तैयार कर रही है।
उत्तराखंड और केंद्र सरकार आपस में समन्वय बनाकर 2025 तक उत्तराखंड को हिंदुस्तान का सर्वश्रेष्ठ एवं आदर्श राज्य बनाएंगे। उत्तराखंड के विकास का रोडमैप जिस तरीके से किया जा रहा है वह भविष्य में हिमालयी राज्यों के लिए भी एक माडल अवश्य बनेगा।कहा कि पिछले आठ वर्षों में केन्द्र सरकार द्वारा 1 लाख 50 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं।
श्री केदारपुरी का पुनर्निर्माण प्रधानमंत्री जी के विजन, नेतृत्व एवं संकल्प का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर भी काम हो रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। टनकपुर-बागेश्वर रेललाईन और डोइवाला से गंगोत्री-यमुनोत्री रेललाइन के सर्वे की भारत सरकार द्वारा सहमति दी गई है।
केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के साथ ही टनकपुर-पिथौरागढ़ की सड़क कनेक्टीवीटी में सुधार के लिए चारधाम ऑलवेदर सड़क परियोजना पर काफी कुछ काम किया जा चुका है। दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड रोड बनने से दिल्ली से देहरादून केवल 2 घंटे में जा सकेंगे।
केंद्र सरकार से पौंटा साहिब-देहरादून, बनबसा-कंचनपुर, भानियावाला-ऋषिकेश, काठगोदाम-लालकुंआ-हल्द्वानी बाईपास और रूद्रपुर बाईपास परियोजनाओं की महत्वपूर्ण सौगात मिली हैं। जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है। ऊधमसिंहनगर में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट विकसित किया जा रहा है।
जल जीवन मिशन में “हर घर नल से जल” के अंतर्गत राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के 7 लाख से अधिक परिवारों को कनेक्शन दिये जा चुके हैं। भारत सरकार द्वारा स्वीकृत ‘उत्तराखण्ड इंटिग्रेटेड हार्टिकल्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट’ हॉर्टीकल्चर में मील का पत्थर साबित होगा। 38 छोटे नगरों में पेयजल के लिए 1600 करोड़ रूपए की उत्तराखण्ड अर्बन वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट’ महत्वपूर्ण पेयजल योजनाएं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना से नैनीताल व ऊधमसिंहनगर के तराई क्षेत्र लाभान्वित होंगे। सौंग बांध परियोजना से देहरादून में वर्ष 2053 तक अनुमानित आबादी के लिए पेयजल आपूर्ति उपलब्ध हो सकेगी। 300 मेगावाट की लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना के लिये निविदा भी आमंत्रित कर दी गई हैं।
1930 करोड़ रूपए से टिहरी लेक डेवलपमेंट का काम किया जा रहा है। अमृत योजना अन्तर्गत 07 शहरों में सीवरेज, पेयजल, ड्रेनेज, पार्क आदि के लिये 593 करोड़ रूपए की योजनाओं पर काम चल रहा है। ऊधमसिंहनगर में एम्स का सैटेलाईट सेंटर बनने से एक बड़ी आबादी को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा मिलेगी।