देश की रक्षा के लिए अपनी प्राण न्यौछावर करने वाले शहीद सैनिकों के आश्रितों को दी जाने वाली तात्कालिक एकमुश्त अनुदान राशि को सरकार बढ़ाएगी। वर्तमान में शहीद सैनिक और अर्द्धसैनिकों की वीरांगनाओं को 10 लाख रुपये का एकमुश्त अनुदान दिया जाता है। इसके साथ ही द्वितीय विश्वयुद्ध में भागीदारी करने वाले पूर्व सैनिक व वीरांगनाओं की पेंशन को भी आठ हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया जाएगा। इनकी संख्या 884 है।रविवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यह घोषणा की। मुख्य सेवक सदन में आयोजित ‘जय हिंद-उत्तराखंड के वीर’ कार्यक्रम शहीद सैनिकों के परिजनों को सम्मानित करते हुए सीएम ने कहा कि सैनिकों की बलिदान की बदौलत ही पूरा देश सुरक्षित है। उन्होंने दो पंक्तियों में कहा कि ‘वो पहरे पर जब होता है, सारा देश चैन से सोता है।आंख उठाता है जो दुश्मन वो अपनी जान से जाता है।’ सीएम ने कहा कि सैनिकों और उनके परिजनों को सम्मानित करना खुद को सम्मानित करने जैसा है। सैनिक और सैनिकों के परिजनों के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। जल्द ही अनुदान राशि और पेंशन राशि को बढ़ाया जाएगा। इस पर विचार किया जा रहा है।आजादी के अमृतकाल के साथ साथ सीएम ने देश के विभाजन की विभिषिका का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 14 अगस्त के दिन भारत माता के सर को लहुलुहान कर दिया गया था। कांट-छांटकर थाली में सजाकर पाकिस्तान को भेँट कर दिया गया। इसके गुनहगार कौन थे, उस समय के कातिल कौन थे, यह प्रश्न आज भी हमारे सामने गूंजता रहता है। 10 लाख से भी ज्यादा लोगों का नरसंहार हुआ।बेहद भयावह समय था। इस पीड़ा को भी पीएम नरेंद्र मोदी ने महसूस किया। सीएम ने आह्वान करते हुए कहा कि देश हमें देता है सब कुछ-हम भी कुछ देना सीखें। हर व्यक्ति देश के विकास के लिए अपने हिस्से का योगदान करे। सभी लोग संकल्प करें कि नवंबर 2025 में जब उत्तराखंड रजत जयंती वर्ष मना रहे होगा, तब कुछ ऐसे कार्य भी जिनसे पूरा देश प्रेरणा लें। इस मौके पर मेयर सुनील उनियाल गामा भी मौजूद रहे।