स्वास्थ्य सचिव की पत्नी से विवाद के बाद दून मेडिकल कालेज अस्पताल की वरिष्ठ फिजीशियन एवं एसोसिएट प्रोफेसर डा. निधि उनियाल को अल्मोड़ा मेडिकल कालेज से संबंद्ध कर स्थानांतरित करने और इस पर आपत्ति जताते हुए चिकित्सक के त्यागपत्र देने के प्रकरण को सरकार ने गंभीरता से लिया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर चिकित्सक का संबद्धीकरण आदेश तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। साथ ही प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार को तथ्यात्मक जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है।
यह मामला गुरुवार को तब सुर्खियों में आया, जब डा निधि उनियाल ने उनके स्थानांतरण आदेश पर आपत्ति जताते हुए इसके विरोध में अपना त्यागपत्र शासन को भेज दिया। डा उनियाल के अनुसार गुरुवार को वह अस्पताल में ओपीडी में मरीज देख रही थीं। तभी अस्पताल प्रशासन ने उन्हें स्वास्थ्य सचिव डा पंकज पांडेय की पत्नी को देखने उनके घर जाने को कहा। असमर्थता जताने पर अधिकारियों ने इसे पहला कार्य बताया। इसके बाद मेडिकल स्टाफ के साथ वह स्वास्थ्य सचिव के घर गईं। इस दौरान स्वास्थ्य सचिव की पत्नी का ब्लड प्रेशर जांचने के लिए जब कार में रखी मशीन मंगवाई तो वह नाराज हो गईं। आरोप है कि स्वास्थ्य सचिव की पत्नी ने मोबाइल पर बात करते हुए उनके विरुद्ध अशोभनीय शब्दों का प्रयोग किया। इसे लेकर दोनों के मध्य बहस हुई।
डा उनियाल का कहना है कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें सचिव की पत्नी से माफी मांगने को कहा, लेकिन अपनी कोई गलती न होने के मद्देनजर उन्होंने ऐसा करने से इन्कार कर दिया। दोपहर बाद स्वास्थ्य सचिव की ओर से उन्हें सोबन सिंह जीना राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा से संबद्ध करते हुए स्थानांतरण आदेश थमा दिया गया।
शुक्रवार को मीडिया और इंटरनेट मीडिया में यह प्रकरण सुर्खियां बनने के बाद हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत ने सुबह मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात कर उन्हें प्रकरण की जानकारी दी। मुख्यमंत्री धामी ने इसे गंभीरता से लेते हुए डा निधि उनियाल के संबद्धीकरण आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने के निर्देश दिए। साथ ही मुख्य सचिव डा एसएस संधु को प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए।